पटना : बिहार में अगले वर्ष विधानसभा चुनाव है और विपक्षी दलों का महागठबंधन एक—एक कर सिमटता—टूटता जा रहा है। जीतन राम मांझी के बाद आज मंगलवार को कांग्रेस ने भी इससे अलग होने के संकेत दे दिये। उधर राजद ने भी अकेले ही विधानसभा चुनाव लड़ने के लिए कमर कसनी शुरू कर दी है।
कांग्रेस नेता और एमएलसी प्रेमचंद्र मिश्रा ने आज कहा कि महागठबंधन लोकसभा चुनाव के लिए बना था। राजनीति में कोई भी गठबंधन स्थायी नहीं होता। ऐसे में जरूरी नहीं कि बिहार में होने वाले विधानसभा चुनाव में भी वही लोकसभा वाला गठबंधन चले। विधानसभा चुनाव में आवश्यकता पड़ी तो एक विचारधारा रखने वाली पार्टियां मिलकर एक बार फिर से नया गठबंधन बन सकता है।
मालूम हो कि अभी महागठबंधन में कांग्रेस-राजद समेत मांझी की पार्टी हम, उपेंद्र कुशवाहा की पार्टी रालोसपा, शरद यादव और मुकेश सहनी की पार्टी शामिल हैं।
इसमें से मांझी ने विधानसभा का चुनाव अकेले लड़ने का ऐलान कर दिया है। उन्होंने कहा था कि हमारी पार्टी को बचाने का सवाल है इसलिए ये फैसला लेना पड़ा है। उन्होंने यह भी कहा था कि महागठबंधन में किसी तरह का समन्वय नहीं बचा है।
इधर राजद ने मांझी और कांग्रेस नेता के बयानों पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि जिसे रहना है रहें, जिसे जाना है जाएं। राजद मजबूती से विधानसभा चुनाव में हिस्सा लेगा और एनडीए को चित्त करेगा।