पटना : वसंत पंचमी के अवसर पर बिहार सांस्कृतिक विद्यापीठ में भव्य आयोजन किया गया। मां सरस्वती की आराधना के लिए छात्र-छात्राओं के साथ-साथ सैकड़ों परिवार के लोग यहाँ पहुंचे। आश्रम के बच्चों ने एक स्वर से मंत्रोच्चारण किया।
पूजा-अर्चना के बाद भारत साधु समाज के कार्यकारी महामंत्री स्वामी केशवानंद जी (विद्यापीठ के भी कार्यकारी कुलपति) ने अपने संबोधन में कहा कि ईर्ष्या-द्वेष से मुक्त होना ही सही शिक्षा है। दूसरे की निंदा और अहित कर अपना भला नहीं कर सकते।
कार्यकारी कुलपति ने कहा कि शिक्षा के क्षेत्र में बिहार सांस्कृतिक विद्यापीठ नया मानक स्थापित करेगा। अब भी गुरुकुल जैसी शिक्षा की जरूरत नई पीढ़ी को है। संस्था का प्रयास होगा कि ऐसा संभव हो। अपने गुरु स्वामी हरिनारायणानंद जी के शीघ्र स्वस्थ होने की भी कामना की।
इस अवसर पर पूर्व न्यायाधीश राजेंद्र प्रसाद ने कहा कि मानवता का मूल्य स्थापित करना ही सबसे बड़ा धर्म है। बच्चों में अच्छे संस्कार का संचार होना चहिए। ऐसे मौकों पर कही गई बातें अधिक ग्राह्य होती हैं।
पूर्व मंत्री अख़लाक़ अहमद ने भी महात्मा गांधी के आदर्शों को दोहराते हुए सत्य और अहिंसा के पाठ पढ़ाए। मगही अकादमी के पूर्व अध्यक्ष उदय शंकर शर्मा ने मगही कविता का पाठ किया। बिहार सांस्कृतिक विद्यापीठ के संचालक जगत नारायण शर्मा ने धन्यवाद ज्ञापन किया।
इस मौके पर बिहार राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष दिलमणि देवी, भारत सेवक समाज के विजय कुमार सिन्हा, विद्यापीठ के आचार्य संपूर्णानंद, शिक्षाविद् गिरजा शंकर प्रसाद, श्यामनंदन प्रसाद, भाजपा नेता मनोज शर्मा, प्रबंधक राजदेव सिंह, नंदकिशोर सिंह, राम विनोद कुमार प्रसाद समेत कई गणमान्य जन उपस्थित थे।