पटना: पश्चिमी चंपारण जिले में 10 लोगों की जान लेने वाला आदमखोर आखिरकार मार दिया गया। वाल्मीकि टाइगर रिजर्व के इस आदमखोर को 8 अक्टूबर के दिन शूटर्स के जरिए मौत के घाट उतारा गया। आज सुबह ही इसने बलुआ गांव में एक मां-बेटे को मौत के घाट उतारा था।
बाघ के इस ताजा हमले के बाद सैकड़ों ग्रामीणों और दर्जनों शूटर्स तथा वनकर्मियों ने बलुआ गांव के आसपास के जंगलों में तलाशी अभियान शुरू किया। इसके बाद बाघ वहीं झाड़ियों के बीच दिखा जिसे ढूंढ़कर गोली मार दी गई। बाघ की मौत के बाद स्थानीय लोगों और वनकर्मियों ने चैन की सांस ली है।
इस आदमखोर बाघ की पहचान टी-105 के रूप में हुई है। उसकी उम्र करीब साढ़े तीन साल थी। एक दिन पहले ही नेशनल टाइगर कंजर्वेशन अथॉरिटी ने उसे गोली मारने का आदेश जारी किया था। इसके लिए शूटर्स और नेपाल से विशेषज्ञों की टीम भी बुलाई गई थी।