पटना : ट्विटर के जरिए बीती रात जदयू नेता अजय आलोक ने पार्टी प्रवक्ता पद से इस्तीफा देते हुए लिखा कि वे बिहार के सीएम नीतीश कुमार की शर्मिंदगी का कारण नहीं बनना चाहते। इसलिए अपने पार्टी पद से इस्तीफा दे रहे हैं। हालांकि अजय आलोक ने यह स्पष्ट नहीं किया कि नीतीश कुमार उनकी किस बात से शर्मिंदा हो सकते हैं। आज सुबह इसे लेकर अटकलें लगने लगीं। शुरू में मीडिया में खबर भी चली कि शायद भाजपा अध्यक्ष पर हमला करने के कारण उन्हें हटना पड़ा। लेकिन अब जाकर यह बात क्लियर हो गई कि श्री अजय आलोक को अमित शाह नहीं, बल्कि प.बंगाल की सीएम ममता बनर्जी पर निशाना साधने को लेकर नीतीश कुमार काफी भड़के हुए थे।
पक रही नीतीश—ममता की नई खिचड़ी
दरअसल, नीतीश कुमार प्रशांत किशोर के जरिये ममता से नजदीकी बढ़ाना चाह रहे थे। ऐसे में अजय आलोक द्वारा ममता की निंदा करना नीतीश कुमार को बहुत ही नागवार गुजरा तथा अजय आलोक को इस्तीफा देना पड़ा। अजय आलोक ने अपना इस्तीफा गुरुवार रात ट्विटर पर साझा किया। इसमें उन्होंने जदयू के राज्य अध्यक्ष वशिष्ठ नारायण सिंह को संबोधित करते हुए लिखा कि ‘आपको पत्र लिखकर यह सूचित कर रहा हूं कि मैं पार्टी प्रवक्ता के पद से इस्तीफा दे रहा हूं। मुझे लगता है कि मैं पार्टी के लिए अच्छा काम नहीं कर पा रहा हूं। मैं यह अवसर देने के लिए आपका और पार्टी का धन्यवाद करता हूं। लेकिन कृपया मेरा इस्तीफा स्वीकार करें।’
यह है नीतीश कुमार के गुस्से की वजह
मालूम हो कि अजय आलोक ने कुछ दिन पहले एक ट्वीट में जदयू उपाध्यक्ष प्रशांत किशोर की कंपनी द्वारा ममता बनर्जी के लिए काम करने पर सवाल उठाए थे। उन्होंने तब कहा था कि प्रशांत किशोर और ममता के बीच क्या बैठक हुई? क्यों हुई? क्या हुआ? हमें इसकी कोई जानकारी नहीं है। और ना ही पार्टी को इसके बारे में कुछ मालूम है। इस मामले पर प्रकाश स्वयं प्रशांत किशोर ही डाल सकते हैं। पार्टी का उनके निर्णय से कोई लेना देना नहीं है। अपने एक अन्य ट्वीट से अजय आलोक के भाजपा से निकटता के संकेत तब मिले थे जब उन्होंने चुनाव परिणाम के बाद लिखा कि—अरे राहुल गांधी, तेजस्वी यादव, अखिलेश यादव और ममता बनर्जी। सिर्फ एक चुनाव हारे हो, जिंदगी नहीं। मंथन करिए कि मुस्लिम तुष्टीकरण का अब इस देश में कोई फायदा नहीं और जात खत्म और जमात शुरू। स्पष्ट है कि अजय आलोक की भाजपा को सुकून देने वाले बयानों की वजह से नीतीश उनसे बहुत नाराज थे।
आलोक का बागी रुख, ममता पर हमले जारी
इधर पार्टी प्रवक्ता पद से इस्तीफा देने के बाद भी अजय आलोक ने ममता बनर्जी पर अपने हमले जारी रखे। आज उन्होंने पश्चिम बंगाल मेूं डॉक्टरों की हड़ताल को लेकर फिर ट्वीट किया। श्री आलोक ने नीतीश कुमार की अब तनिक भी परवाह नहीं करते हुए लिखा कि—’पश्चिम बंगाल में एक डॉक्टर को 200 रोहिंग्या पीटते हैं तो ठीक। लेकिन पश्चिम बंगाल के डॉक्टर इसके विरोध में स्ट्राइक करें और समर्थन में पूरे देश के डॉक्टर आ जाएं तो ग़लत? ये क्या है? सारे दलों को सांप सूंघ गया। एक डॉक्टर हर्षवर्द्धन के अलावा सब मौन हैं। क्यों ? एक डॉक्टर और नागरिक होने के नाते मेरा बंगाल के डाक्टरों को समर्थन है।’
भाजपा विरोधियों से निकटता क्यों?
स्पष्ट है कि अजय आलोक का प्रवक्ता पद से इस्तीफा देना कई भेद खोल गया है। जदयू और तेजस्वी के पलटू चाचा नीतीश अब क्या रुख अपनाने वाले हैं, इसकी स्क्रिप्ट लिखी जाने लगी है। अटकलें तेज हो गई हैं कि नीतीश कुमार और पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी के बीच नजदीकी बढ़ रही है। ममता के साथ जुड़ने के बाद भी पीके के खिलाफ नीतीश कुमार ने कोई कार्रवाई नहीं की। यह यही साबित करता है कि नीतीश और ममता के बीच कोई नई खिचड़ी पक रही है।