पटना /औरंगाबाद : केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्य मंत्री श्री अश्विनी कुमार चौबे ने कहा कि पंडित मदन मोहन मालवीय और अटल बिहारी वाजपेयी आधुनिक भारत के वास्तविक जनक थे। दोनों महापुरुषों का योगदान किसी से भी कम नहीं था। फर्क सिर्फ इतना था कि जहां महामना मालवीय जी ने आजादी से पहले ही देश को बनाने का काम किया वहीं पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपेई ने आजादी की लड़ाई के साथ स्वतंत्रता के बाद देश के निर्माण का काम किया।
चाणक्य परिषद द्वारा औरंगाबाद के अनुग्रह नारायण नगर में आयोजित महामना मदन मोहन मालवीय और पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेई की जयंती के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के तौर पर बोलते हुए केंद्रीय मंत्री अश्विनी कुमार चौबे ने कहा कि महामना मालवीय को आज की पीढ़ी सिर्फ बीएचयू के कारण जानती है। लेकिन उनका योगदान इसके अलावा भी बहुत बड़ा है। भारत में स्काउटिंग की शुरुआत उन्होंने ही की थी।
1924 में हिंदुस्तान टाइम्स को बंद होने से बचाने में इनका बहुत महत्वपूर्ण योगदान था जिसमें एमआर जयकर, लाला लाजपत राय और घनश्याम दास बिड़ला ने इनका बहुत सहयोग किया था। 1936 में इन्होंने हिंदुस्तान टाइम्स का हिंदी एडिशन निकालना शुरू किया जिसका नाम हिंदुस्तान रखा गया जो अब तक चल रहा है। स्वयं को पूरी तरह से शिक्षा के क्षेत्र में समर्पित करने के लिए 1911 में मालवीय जी ने लॉ की प्रैक्टिस छोड़ दी थी और संन्यासी जीवन जीना शुरू कर दिया था। लेकिन देशप्रेम के कारण 1922 में हुए चौरी चौरा कांड के बाद 1924 में वे इलाहाबाद हाई कोर्ट गए जहां उन्होंने 170 क्रांतिकारियों को बचाया था जिन्हें सेशन कोर्ट ने फांसी की सजा सुना दी थी और इनमें से 156 को तो वह निर्दोष साबित करने में भी सफल रहे थे। उनकी एक बहुत बड़ी उपलब्धि यह थी कि उन्होंने ब्रिटिश सरकार को इस बात के लिए मनाया था कि न्यायालय में देवनागरी लिपि का उपयोग किया जाए।
कांग्रेस प्रेसिडेंट के रूप में किए गए काम हों, दलितों के मंदिर में प्रवेश की बात हो, गौ हत्या रोकने का मुद्दा हो, शिक्षा को प्रोत्साहन देना हो चाहे अपने परंपरागत धर्म को सच्चे रूप में स्थापित करना हो, मदन मोहन मालवीय जी का कोई जोड़ नहीं था। वे एक संपूर्ण व्यक्तित्व थे जिन्होंने समाज के हर क्षेत्र में काम किया था। उनको महामना की उपाधि महात्मा गांधी ने दी थी। गांधी जी ने ही उन्हें मेकर्स ऑफ इंडिया कहा था। सर्वपल्ली राधाकृष्णन ने उन्हें कर्म योगी की पदवी दी थी। पंडित जवाहरलाल नेहरू का कहना था कि नवीन भारत के राष्ट्रवाद की नींव उन्होंने ही रखी थी।
पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेई के बारे में हम सभी जानते हैं कि आज भारत में जो बहुदलीय व्यवस्था में विभिन्न दलों को लेकर गठबंधन सरकार चलाने की बात है, उसका सफल संचालन पहली बार वाजपेई जी ने ही किया था। पूरे भारत में राष्ट्रीय राजमार्ग, स्टेट हाईवे और ग्रामीण सड़कों का जो जाल बिछा हुआ है वह वाजपेई की दूरदर्शिता का परिणाम है। आज लोगों को सहज रूप से मिल रहे गैस सिलेंडर, बिजली, सड़कों पर दौड़ रही नई गाड़ियां और इसके अतिरिक्त विकास के सभी आधुनिक कार्यों के पीछे वाजपेई की दूरदर्शिता और किए गए कार्यों का ही परिणाम है।
वास्तव में देखा जाए तो इन दोनों महापुरुषों ने अपने जीवन का बलिदान देकर भारत को सच्चे अर्थ में एक आधुनिक राष्ट्र बनाने के लिए आजीवन कार्य किया। यह दोनों महापुरुष उन चंद महापुरुषों में शामिल रहे जिन्होंने जातिवादी राजनीति का हमेशा विरोध किया और इनके जाने के बाद भी इनके नाम पर कभी भी लोगों ने जातिवाद की राजनीति नहीं की। इन दोनों महापुरुषों के जाने के बाद हुए रिक्त स्थान को भरना संभव नहीं है क्योंकि ऐसे लोग सैकड़ों वर्षो में कभी-कभी अवतरित होते हैं। नगर भवन में आयोजित इस कार्यक्रम में सियाणा की परिषद के अध्यक्ष रामानुज पांडे, काशी हिंदू विश्वविद्यालय के संस्कृत विभाग के प्राध्यापक व मालवीय भवन के निदेशक डॉ उपेंद्र पांडे, सांसद सुशील सिंह सहित सभी स्थानीय जनप्रतिनिधि और अनेक प्रबुद्धजनों ने भाग लिया। इसमें नीतिश मिश्रा, देवेश चंद्र ठाकुर, राम लखन तिवारी, वीरेंद्र दुबे, मनोज मिश्रा और धनंजय तिवारी मुख्य रूप से शामिल थे।
शाहपुर में अटल जी की जयंती पर मेगा हेल्थ कैंप का आयोजन
बक्सर : भारत रत्न पूर्व प्रधानमंत्री श्री अटल बिहारी वाजपेयी जी की जयंती के अवसर पर आज भोजपुर के शाहपुर में एक मेगा हेल्थ कैंप का केंदीय स्वास्थ्य राज्य मंत्री अश्विनी चौबे ने उद्घाटन किया। समारोह में श्री चौबे ने अटली जी के चित्र पर माल्यार्पण करने के बाद कहा कि उनकी कमी को भर पाना आसान नहीं है। लेकिन हम उनके बताए मार्ग पर चलकर उन्हें सच्ची श्रद्धांजलि दे सकते हैं। इससे पहले केंद्रीय मंत्री का शाहपुर पहुंचने पर भव्य स्वागत किया गया।