मलेरिया प्रभावित जिलों में 1 जून से 31 अक्टूबर तक होगा डीडीटी दवा का छिड़काव
पटना : बिहार सरकार में स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने राज्य में पिछले छह सालों में मलेरिया के मामलों में आई कमी को देखते हुए कहा कि स्वास्थ्य विभाग मलेरिया उन्मूलन की दिशा में तेजी से कार्य कर रहा है। इस मुहिम को आगे बढ़ाते हुए स्वास्थ्य विभाग द्वारा 25 अप्रैल को विश्व मलेरिया दिवस के अवसर पर पूरे राज्य में मलेरिया को जड़ से खत्म करने के लिए जागरुकता कार्यक्रम भी चलाया गया। इसको लेकर सभी जिला अस्पताल और प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों पर जन जागरुकता अभियान और प्रभात फेरी निकाली गयी।
पांडेय ने कहा कि इस मुहिम को और गति देने के लिए राज्य के सात मलेरिया अति-प्रभावित जिलों में युद्ध स्तर पर कार्य किया जा रहा है। ताकि इन जिलों से भी मलेरिया को खत्म करने में आशानुरूप सफलता मिले। इसी को ध्यान में रखकर आगामी एक जून से लेकर 31 अक्टूबर तक दो चक्रों में इन अति प्रभावित जिलों में डीडीटी दवा का छिड़काव कराया जाएगा। इसमें मुंगेर, जमुई, नवादा, गया, औरंगाबाद, रोहतास एवं कैमूर जिले शामिल हैं। इन जिलों में एक तरफ मलेरिया पीड़ित लोगों को चिह्नित कर उनके उपचार की व्यवस्था जिला स्तर पर सुनिश्चित कराई जा रही हैं, वहीं दूसरी तरफ़ मच्छरों के प्रकोप को कम करने के लिए दवा छिड़काव पर भी विशेष ध्यान दिया जा रहा है।
पहला राउंड एक जून से लेकर 15 अगस्त तक
इसके आगे पांडेय ने कहा कि पहला राउंड एक जून से लेकर 15 अगस्त तक चलाया जाएगा। जबकि दूसरा राउंड का संचालन 16 अगस्त से 31 अक्टूबर तक किया जाएगा। उन्होंने कहा कि मलेरिया मच्छरों के काटने से ही होता है। इस लिहाज से साफ़-सफाई से रहना एवं रात में सोने से पहले मच्छरदानी का इस्तेमाल करना मलेरिया से बचाव का अहम उपाय है। व्यक्तिगत साफ़-सफाई एवं आस-पास की स्वच्छता सुनिश्चित करते रहने से मलेरिया से निज़ात संभव है। स्वच्छ भारत मिशन के उद्देश्यों से जुड़कर विभाग मलेरिया की तरह डेंगू एवं चिकनगुनिया जैसे रोगों पर भी लगाम लगा सकता है।