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महुआ और नूपुर की गलती एक, फिर नैरेटिव दो कैसे? मां काली पर मुश्किल में फंसी ममता

नयी दिल्ली : पहले शिवलिंग और अब मां काली। हिंदुओं की धार्मिक भावनाओं का अपमान करने की होड़ भारत में खतरनाक स्तर तक पहुंच गई है। इसमें ‘टुकड़े—टुकड़े’ गैंग के कुछ लोगों के ‘सर तन से जुदा’ वालों संग हाथ मिला लेने की बू आ रही है। नूपुर शर्मा पर तो सभी ने अपने हाथ दिखाये लेकिन जब टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा की बात आई तो सभी महज खेद जता सरकना चाह रहे। तृणमूल सुप्रीमो ममता बनर्जी के लिए तो हिंदू देवी देवताओं पर यह टिप्पणी ऐसी मुश्किल की माफिक आन पड़ी कि न उन्हें उगलते बन रहा, न निगलते।

टीएमसी का डैमेज कंट्रोल, बयान से किनारा

हिंदुओं की भावनाओं से ताजा खिलवाड़ कनाडा बेस्ड फिल्मकार ने एक डाक्यूमेंटरी में की जिसमें मां काली को सिगरेट पीते दिखाया गया। इस कृत्य का समर्थन करते हुए टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा ने हिंदू देवी देवता के बारे में कुछ ऐसा दिया जिससे पार्टी सुप्रीमो ममता बनर्जी भारी मुश्किल में घिर गईं हैं। ममता को महुआ के बयान से किनारा करते हुए माफी मांगनी पड़ी। यह टीएमसी के लिए भारी फजीहत है।

क्या कहा टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा ने

महुआ मोइत्रा ने कहा था कि मांस खाने वाली और शराब पीने वाली देवी काली की कल्पना करने का उन्हें पूरा अधिकार है। बीजेपी ने महुआ मोइत्रा के बयान पर आपत्ति जताते हुए पूछा कि क्या यह बंगाल की सत्ताधारी पार्टी टीएमसी की भी यही राय है? बीजेपी ने कहा कि यह हिन्दू देवी और देवताओं का अपमान है। तृणमूल कांग्रेस ने इस विवाद में ख़ुद को अपनी सासंद की टिप्पणी से अलग कर लिया और महुआ मोइत्रा के बयान की निंदा की। लोकसभा सांसद महुआ मोइत्रा ने साफ कहा था कि मेरे लिए काली एक मांस खाने वाली और शराब स्वीकार करने वाली देवी हैं। और आप तारापीठ शक्ति पीठ जाएंगे तो पाएंगे कि साधु स्मोकिंग कर रहे हैं। काली की पूजा करने वाले आपको अलग-अलग मिलेंगे। मुझे अधिकार है कि मैं अपनी देवी की कल्पना अपने हिसाब से कर सकूं। यही मेरी आज़ादी है।

धर्मनिरपेक्षता की चादर ओढ़ने वाले बेनकाब

लेकिन महुआ मोइत्रा का यह बयान इंटरनेट पर सनसनी बन गया। देशभर से लोगों ने धर्म के मामले में धर्मनिरपेक्षता का चादर ओढ़ने वालों के दोहरा चरित्र की इसे मिसाल बता डाला। बंगाल बीजेपी उपाध्यक्ष रथिंद्र बोस ने कहा कि यह पहली बार नहीं है जब इस तरह की बात हिन्दू देवी के बारे में टीएमसी और कुछ अन्य ग्रुप के भीतर से कही गई है। हमलोग मानते हैं कि यह टीएमसी का आधिकारिक रुख़ है और इससे हिन्दुओं की भावना आहत हुई है।

कंग्रेस ने साधी चुप्पी, बीजेपी हमलावर

कांग्रेस पार्टी के प्रवक्ता गौरव वल्लभ से महुआ मोइत्रा और फ़िल्म काली के पोस्टर के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि वह इस पर कुछ नहीं कहना चाहते हैं। गौरव ने कहा कि मोइत्रा की टिप्पणी टीएमसी का आंतरिक मामला है। स्पष्ट है कि यदि नूपुर शर्मा के मामले से इस मामले की तुलना करें तो महुआ मोइत्रा भी आज वहीं खड़ी नजर आती हैं, जहां नूपुर शर्मा को रखा गया। लेकिन नूपुर के नाम पर तो सबने अपने नंबर फाड़े, पर जब बात हिंदुओं के देवी—देवताओं की आई तो ममता समेत सारे कथित धर्मनिरपेक्ष पल्ला झाड़ने तक ही सिमटना चाह रहे। यह राजनीतिक दिवालियेपन की मानसिकता का संकेत करता है।