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महिलाओं की आर्थिक सक्रियता के लिए सुरक्षा जरूरी : एन विजयलक्ष्मी

पटना : महिलाओं की सुरक्षा और उनकी सामाजिक आर्थिक सक्रियता पर आज पटना के होटल मौर्य में सीपीडीए द्वारा एक कार्यक्रम आयोजित किया गया। सीआईडी के एडीजी विनय कुमार ने इस मौके पर कहा कि पिछले 8 वर्षों से बिहार में हर जिले में एक महिला थाना काम कर रहा है। कोशिश की जा रही है कि महिला थाने में ज्यादा से ज्यादा महिलाएं हों और उसका संचालन भी महिला अधिकारी ही करे। बिहार सरकार ने पुलिस में 38 प्रतिशत महिलाओं को आरक्षण दिया है। कुछ दिनों बाद आप बिहार के सभी थानों में 30 प्रतिशत महिलाओं को देख सकेंगे। महिला अधिकारियों के लिए अलग से क्वार्टर और बाथरूम भी बनाये जा रहे हैं।

विनय कुमार ने कहा कि जब पोस्को एक्ट लागू किया गया था उसके तुरंत ही बाद एक केस आया था जिसमे हमलोगों ने कारवाई की थी। जमुई में पहला स्पीडी ट्रायल चलाया गया था। उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि अभी हाल ही में नालंदा में एक रेप केस सामने आया, जिसमें बहुत ही तकातवर आदमी शामिल था और उसने अपनी तरफ से सबूत मिटाने की हरसंभव कोशिश की। पुलिस की करवाई से आज वह आदमी जेल में है और उसपर केस चल रहा है। अभी आरा में एक रेप का केस हुआ था और स्पीडी ट्रायल में 23 लोगों को अभियुक्त साबित किया गया। पिछले 1 साल में 100 लोगों को पोस्को एक्ट में गिरफ्तार किया गया है। महिलाओं की सुरक्षा के लिए कई प्रयास किये जा रहे हैं। गांव-गांव में सशक्तीकरण सभा की जा रही है। हर थाने में एक चाइल्ड और एक फिमेल डेस्क भी बनाया गया है। विनय कुमार ने बताया कि बिहार पहला राज्य है जो मुजफ्फरपुर में हुए केस का टाटा इंस्टिट्यूट ऑफ सोशल साइंस से ऑडिट करवया है। जिन शेल्टरहोम में गड़बड़ी पाई गई है वहां एफआईआर दर्ज कर लिए गए हैं। उन्होंने कहा कि साइंटिफिक इन्वेस्टीगेशन का बहुत बड़ा हाथ है। आज से कुछ वर्ष पूर्व तक (2013) में मात्र 8 फॉरेंसिक साइंटिस्ट थे लेकिन अब यह आंकड़ा बढ़कर 300 हो गया है। आज बिहार में फॉरेंसिक लैब के लिए 300 साइंटिस्ट हैं। विनय कुमार ने कहा कि क्राइम को रोकने मे पुलिस के साथ जनता का सहयोग भी होना चाहिए तभी क्राइम पर कंट्रोल किया जा सकेगा।
बिहार सरकार में परिवहन विभाग के एमडी संजय अग्रवाल ने कहा कि एक समय था जब महिलाएं शाम को 6 बजे के बाद नहीं निकलती थीं। लेकिन अब वो बात नहीं है। जब मुख्यमंत्री ने लड़कियों के लिए साईकल योजना शूरु की थी तब कोई नहीं सोचा था कि यह इतना कामयाब होगा। आज बिहार की हज़ारों लड़कियां साईकल चलाती नज़र आ जाएंगी। संजय अग्रवाल ने कहा कि बिहार में ट्रांसपोर्ट की तमाम प्रकार की सुविधाएं मुहैया कराने के लिए बिहार सरकार प्रतिबद्ध है। हर तरह की ट्रांसपोर्ट कंपनियों को बिहार सरकार बुला रही है। अच्छी-अच्छी बसों को भी कई रूट से चलाया जा रहा है। महिलाओं के लिए किसी तरह की भी असुविधा नहीं होने दी जाएगी।
बिहार सरकार में पशुपालन सचिव एन विजयलक्ष्मी ने कहा कि आज का यह प्रोग्राम महिलाओं के सामाजिक और आर्थिक अधिकार पर केंद्रित है। कैसे महिलओं को ज्यादा से ज्यादा सक्रिय करके देश के जीडीपी को बढ़ाया जाय। समाज में कई संस्थाओ को साथ लेकर महिलओं को सक्षम बनाने के लिए कार्य किये जा रहे हैं। जब तक महिलाएं इकनोमिक पार्टिसिपेशन नहीं करेंगी तब तक देश नहीं बढ़ेगा। उन्होंने कहा कि जितना पार्टिसिपेशन होना चाहिए उतना महिलाएं नहीं कर पा रहीं हैं। एन विजयलक्ष्मी ने कहा कि पूरे देश मे महिलाओं की भागीदारी 24 प्रतिशत है जबकि बिहार में महज़ 14 परसेंट ही है।
मानस दुबे