महागठबंधन से अब राजद ने किया किनारा, टेंशन में उपेंद्र कुशवाहा

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पटना : बिहार में कई छोटे—बड़े दलों को मिलाकर बने महागठबंधन की किस्मत ही खराब है। पहले से जीतन राम मांझी खिच—खिच कर रहे हैं। अब राजद ने भी इससे किनारा करना शुरू कर दिया है। वर्तमान में उपेंद्र कुशवाहा और कांग्रेस की ओर से अखि​लेश यादव ही महागठबंधन को लेकर अति सक्रिय बने हुए हैं। लेकिन मांझी के बाद आज सोमवार को राजद ने भी उपेन्द्र कुशवाहा और महागठबंधन के अन्य नेताओं को बड़ा झटका देते हुए आगामी 13 नवंबर को केंद्र सरकार के खिलाफ प्रस्तावित आंदोलन में शामिल नहीं होने का ऐलान कर दिया।

राजद ने संगठन चुनाव का बनाया बहाना

राजद के प्रदेश अध्यक्ष रामचंद्र पूर्वे ने कहा कि अभी सभी नेता—कार्यकर्ता संगठन चुनाव में लगे हुए हैं। लिहाजा हमारी पार्टी महागठबंधन के धरने में शिरकत नहीं करेगी। उन्होंने महागठबंधन के आंदोलन में शामिल नहीं होने की वजह राजद के संगठन चुनाव को बताया।
राजद प्रवक्ता चितरंजन गगन ने बताया कि राजद महागठबंधन के धरने से अलग नहीं हुई है। अभी पार्टी का संगठन चुनाव चल रहा है। इसमें सारे लोग व्यस्त हैं। लिहाजा हमलोग पूरी मजबूती से धरना में शामिल नहीं होंगे।

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मांझी भी अलग होने का दे चुके संकेत

मालूम हो कि केंद्र और बिहार सरकार की नीतियों का विरोध करने के लिए महागठबंधन ने 13 नवंबर को रालोसपा अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा की अगुवाई में धरना-प्रदर्शन का ऐलान किया है। अभी तीन दिन पहले आंदोलन की तारीख की घोषणा हुई। तब कहा गया था कि महागठबंधन के सभी दल इसमें शिरकत करेंगे। लेकिन जीतन राम मांझी जहां इधर—उधर डोल रहे हैं, वहीं राजद ने संगठन चुनाव का बहाना बना अपने को इस धरने से अलग कर लिया। यह महागठबंधन को बचाए रखने की मंशा रखने वालों के लिए बड़े झटके की तरह है।

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