महागठबंधन मिलावट कैसे? नागमणि को नोटिस से समझें

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पटना : महागठबंधन में सबकुछ ठीक—ठाक नहीं चल रहा। इसका ताजा उदाहरण राष्ट्रीय लोक समता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष श्री नागमणि को दिया गया कारण बताओ नोटिस है। दरअसल नागमणि नीतीश कुमार के साथ एक कार्यक्रम में शुक्रवार को देखे गये थे। इतना ही नहीं, श्री नागमणि ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की जमकर तारीफ भी की थी। भला पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष उपेन्द्र कुशवाहा इसे कैसे सहन कर पाते। उनको नागमणि द्वारा नीतीश की प्रशंसा करना नागवार लगा और उन्होंने नागमणि को तीन दिनों के अन्दर कारण बताओ नोटिस जारी करने का आदेश दे दिया।
जानकर सूत्रों का कहना है कि नीतीश के राजनीतिक दुश्मन माने जाने वाले उपेन्द्र कुशवाहा ने नागमणि को बाहर का रास्ता दिखाने का मन बना लिया है। यह सब तब हो रहा है, जब बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री श्री जीतन राम मांझी की पार्टी भी कमोवेश यही दंश झेल रही है। हम के प्रदेश अध्यक्ष और पूर्व शिक्षा मंत्री ​वृषिण पटेल ने अभी— अभी इस्तीफा देकर पार्टी से अपना नाता तोड़ लिया है। साथ में पार्टी के प्रवक्ता दानिश रिजवान ने भी संबध तोड़ने की घोषणा कर दी है।
महागठबंधन के दो घटक दलों के अंदरूनी विवाद के सतह पर आने से महागठबंधन के लिए शुभ संकेत नहीं है। इतना तो तय है कि आम जनता के बीच महागठबंधन की एकजुटता के बारे में गलत सन्देश गया है, वह भी सीट बटवारे के पूर्व। एक सीनियर एनडीए नेता का तो इतना तक कहना है कि अगर महागठबंधन में उनके मन मुताबिक सीट नहीं मिला तो जीतन राम मांझी पुनः एनडीए में शामिल हो सकते हैं।
कांग्रेस पार्टी से जुड़े राजनितिक विश्लेषकों का कहना है कि कांग्रेस १९ सीटों पर दावेदारी ठोकेगी. यह राजद को शायद मंजूर नहीं हो. परिश्थिति ऐसी बन रही है जो जिससे एनडीए को फायदा अलगे लोक सभा चुनाव में होगा. नितीश कुमार का विकास पुरुष का चेहरा और नरेन्द्र मोदी का स्वक्ष प्रशासन साथ ही विखरा महागठ्वंधन आगामी चुनाव में एनडीए को फायदा पंहुचा सकता है।

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