पटना : बिहार में महागठबंधन की पार्टियों के बीच सीटों के बंटवारे का मामला लगभग तय हो गया है। बस कुछ सीटों पर अभी भी पेंच फंस रहा है जिस कारण सीट बंटवारे के औपचारिक ऐलान में देरी हो रही है। बेगूसराय, मधेपुरा, दरभंगा जैसे कुल पांच ऐसी सीटें हैं, जिनको लेकर मामला फंस रहा है। गुरुवार की बैठक में इस मसले को सुलझा लेने की उम्मीद है। इसके बाद ही अब लालू और राहुल गांधी की सहमति के बाद सीटों का औपचारिक ऐलान किया जाएगा।
इससे पहले बुधवार से ही नयी दिल्ली में कांग्रेस, राजद, हम, रालोसपा आदि महागठबंधन के नेताओं की बैठकों का दौर जारी है। इसमें मोटा—मोटी सहमति बन जाने की सूचना है। इसके अनुसार बिहार में कांग्रेस 11 लोकसभा सीटों पर चुनाव लड़ सकती है, जबकि राजद 20—22 सीटों पर उम्मदवार उतारेगा। रालोसपा 3 सीटों पर और हम, शरद यादव तथा मुकेश साहनी को एक—एक सीट दिया गया है। हालांकि वाम दलों को साथ लेने पर सहमति नहीं बन पाई है। सूत्रों के मुताबिक, सीटों के तालमेल के बारे में अगले कुछ दिनों के भीतर बजाप्ता प्रेस कान्फ्रेंस कर घोषणा की जाएगी। आरजेडी और कांग्रेस नेताओं की दिल्ली में बुधवार देर रात तक तथा आज यानी गुरुवार को लंबी बैठकें हुईं। इनमें सीटों के बंटवारे को लेकर हफ्तों से चले आ रहे गतिरोध को दूर करने पर चर्चा हुई। कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता ने बताया, ‘ बैठक में सीटों का बंटवारा लगभय तय हो गया है। राजद की ओर से कांग्रेस के लिए 11 सीटों पर रजामंदी दी गई है। अभी थोड़ा पेंच बाकी है जिसका समाधान आज यानी गुरुवार की बैठक में निकाल लिया जाएगा। महागठबंधन में शामिल सभी पार्टियों को पूरा सम्मान मिलेगा और पूरी संभावना है कि 17 मार्च को सीटों के बंटवारे की घोषणा की जाए।
सूत्रों के मुताबिक, आरजेडी नेता तेजस्वी यादव महागठबंधन में आरएलएसपी, हम, लोकतांत्रिक जनता दल और मुकेश साहनी की वीआईपी पार्टी को साथ रखना चाहते हैं। वह राज्य में वाम दलों का सीमित आधार होने का तर्क दे कर उन्हें सीटें देने के पक्ष में नहीं हैं। दूसरी तरफ कांग्रेस चाहती है कि एक या दो सीटें देकर वाम दलों को भी महागठबंधन में साथ रखा जाए। बिहार में 40 लोकसभा सीटें हैं जिनमें से बीजेपी ने पिछले लोकसभा चुनाव में 22 सीटें जीती थीं।