पटना : चुनाव की तारीखें घोषित होने के बावजूद महागठबंधन अभी भी पटना—रांची और दिल्ली के बीच डोल रहा है। खींचतान का आलम यह है कि ‘ढेर जोगी, मठ उजाड़’ वाली स्थिति बन गई है। इधर धमकी—अल्टीमेटम—बैठक—दुलार—पुचकार में ही सभी दल और नेता उलझे हुए हैं तो उधर एनडीए कहीं आगे निकलते हुए सीटों और प्रत्याशियों के नाम फाइनल करने के करीब पहुंच गया है। साफ है कि बिहार में एनडीए सधे हुए अंदाज में महागठबंधन से काफी स्मार्ट साबित हो रहा है। वहीं महागठबंधन के नेता कभी रांची में लालू से मिल रहे हैं तो कभी पटना में तेजस्वी संग बैठक कर मीडिया में दावा कर रहे हैं। प्रत्याशियों की तो बात ही छोड़िये महागठबंधन अभी तक सीटों का बंटवारा नहीं कर सका है। अब महागठबंधन के इस पेंच को सुलझाने के लिए राजद नेता तेजस्वी दिल्ली में राहुल गांधी से मिलने रवाना हुए हैं।
रांची—पटना—दिल्ली के बीच ‘डोल’ रहा महागठबंधन?
आज मंगलवार को नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव दिल्ली रवाना हुए। सूत्रों के अनुसार सीटों को लेकर वे वहां राहुल गांधी से चर्चा करेंगे। महागठबंधन के और भी नेता दिल्ली में जुटने वाले हैं। माना जा रहा है कि कल गुरुवार को दिल्ली में महागठबंधन की बैठक होगी जिसमें किचकिच खत्म करने की कोशिश होगी। आज दिल्ली जाने वाले नेताओं में तेजस्वी यादव, जीतन राम मांझी के साथ-साथ मुकेश साहनी भी शामिल हैं। अब देखना होगा कि दिल्ली दरबार में इन मुलाकातों के बाद क्या कुछ सामने आता है।
क्या है इस विपक्षी एकता की मजबूरी
महागठबंधन में दो बड़े दलों, राजद और कांग्रेस के अलावा कई छोटे—छोटे दल शामिल हैं। इन छोटे दलों में जीतनराम मांझी की ‘हम, उपेंद्र कुशवाहा की रालोसपा, मुकेश साहनी की पार्टी, शरद यादव की पार्टी आदि शामिल हैं। इन सभी छोटे दलों की अपनी—अपनी महत्वकांक्षाएं हैं। उधर चार राज्यों के नतीजे के बाद कांग्रेस भी अब बिहार में ज्यादा छोटा नहीं रहना चाहती। साथ ही वाम दलों को भी एडजस्ट करना है। कुल मिलाकर महागठबंधन—’अपनेआप में मजबूरी की नींव पर खड़े एकता की इमारत’ साबित होता जा रहा है। चुनाव की घोषणा के बाद भी सीट बंटवारा तो इसे सौ फीसदी सही साबित करता है।
महागठबंधन के स्वरूप पर फैला भ्रम
चुनाव की तारीखों के ऐलान के बावजूद महागठबंधन का स्वरूप तय नहीं हो पाया है। कौन कहां से लड़ेगा और किसको कितनी व कौन सी सीट मिलेगी। इन बातों को लेकर भ्रम फैला हुआ है। ऐसे में माना जा रहा है कि दिल्ली में होने वाली बैठक में सब साफ हो जाएगा। संभावना है कि 15 मार्च को महागठबंधन की संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस दिल्ली में हो जिसमें सब साफ हो जाएगा।