भारत के इस राज्य में 45 रुपये किलो बिक रही लग्जरी बसें, जानिए कहां और क्यों?

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नयी दिल्ली : कोरोना ने कैसे जान और जहान दोनों पर डाका डाला इसकी ताजा मिसाल आज शनिवार को केरल के कोच्चि में देखने को मिला। यहां एक दुखी बस मालिक ने महज 45 रुपये किलो के हिसाब से अपनी कई लग्जरी बसें बेच डाली। उसने कोरोना के असर से त्रस्त होकर मजबूरी में यह निर्णय लिया और इन्हें निलामी पर चढ़ाया। यह भी पता चला कि कोरोना के चलते आये आर्थिक संकट में कई राज्यों में बस मालिकों ने किलो के हिसाब से बसें निलाम की हैं। लेकिन वे शर्म के कारण इसके बारे में कुछ बताते नहीं। इसके पीछे मुख्य वजह बसों का टैक्स और बीमा की रकम भी नहीं जुटा पाना है।

मंदी, बीमा, टैक्स और जुर्माने से हालत पतली

कोविड-19 महामारी के इन दो सालों में हालात ये हो गये हैं कि कॉन्ट्रैक्ट कैरिज ओनर्स एसोसिएशन से जुड़े बस मालिक कंगाली की कगार पर आ गए हैं। कोच्चि में बस मालिक रॉयसन जोसेफ ने बताया कि महामारी से पहले उनके पास 20 बसें थीं। अब दो साल बाद उनके पास 10 बसें ही बची हैं। एक 40 सीटर लग्जरी बस की कीमत 50 लाख रुपये से अधिक होती है। मेरी सभी बसों पर 44 हजार रुपये का टैक्स है और लगभग 88 हजार रुपये का बीमा है। इसका भुगतान करना पड़ता है। पिछले हफ्ते जब रविवार को लॉकडाउन हुआ था, मुझे कोवलम की एक यात्रा के दौरान पुलिस को जुर्माने के तौर पर दो हजार रुपये देने पड़े। इन हालात में बसें बेचूं नहीं तो और क्या करूं?

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शर्म से कई बस मालिक नहीं आते सामने

उसने कहा कि कोविड नियमों में साफ निर्धारित किया गया है कि पहले से बुक की गई यात्रा संभव है। ऐसे में बसों पर जुर्माना कहां तक जायज है। हमें बिना किसी कारण के परेशान किया जाता है। तंग आकर हमें ऐसा कदम उठाना पड़ रहा है। केरल में सीसीओए के 3,500 सदस्य हैं, जिनके पास लगभग 14,000 बसें हैं। कोरोना काल में बिजनेस ठप है। वहीं टैक्स, बीमा और जुर्माने ने बेड़ा गर्क कर दिया है। मजबूरन बस मालिक किलो के भाव बसें बेचने पर मजबूर हो रहे हैं। सरकार है कि मासिक किश्तों का भुगतान न करने पर हमारे सदस्यों की लगभग 2 हजार बसों को जब्त कर ली है।

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