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लोहा लोहे को काटता है? अनंत सिंह की काट होंगे नलिनी रंजन?

पटना : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से पंगा लेना मोकामा के बाहुबली एवं निर्दलीय विधायक अनंत सिंह को पहंगा पड़ सकता है। उनको घेरने की प्रशासनिक कवायद तो काफी पहले से चल रही है, अब उनके जोश, जुनून और उत्साह पर नकेल डालने की मुहिम भी शुरू हो गयी है। शोले फिल्म के मशहूर डायलॉग—लोहा, लोहे को काटता है से प्रेरित होकर अनंत के सामने भी एक लोहे को खड़ा करने पर तेजी से काम हो रहा है। अंदरखाने से यह खबर आयी है कि जनता दल यू ने मोकामा के बाहुबली और ‘इंडियाज मोस्ट वांटेड’ रहे नलिनी रंजन शर्मा उर्फ़ ललन सिंह को जदयू का दामन थामने के लिए राजी कर लिया है।

सूरजभान के भाई के सहारे अनंत की चौतरफा घेराबंदी

नलिनी रंजन उर्फ़ ललन सिंह मोकामा के बहुचर्चित डॉन और पूर्व एलजेपी सांसद सूरजभान सिंह के छोटे भाई हैंं। उनके विरुद्ध दर्जनों आपराधिक मुकदमे दर्ज हैं। नलिनी उर्फ ललन की भाभी एवं सूरजभान की पत्नी वीणा देवी अभी मुंगेर से सिटिंग एमपी हैंं। ज्ञात हो कि 2014 के लोकसभा चुनाव में जेडीयू के उम्मीदवार और नीतीश के करीबी मंत्री राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह को वीणा देवी ने चुनाव में बुरी तरह हराया था।
चूंकि अनंत सिंह ने 2019 के लोकसभा चुनाव में मुंगेर सीट से अपनी उम्मीदवारी की घोषणा कर दी है, यह बात जेडीयू के मंत्री ललन सिंह को गंवारा नहीं हुआ। इसी को लेकर जेडीयू ने अनंत सिंंह को चौतरफा घेरने की कवायद शुरू कर दी।

ताबड़तोड़ छापों से लिपि सिंह ने बनाया दबाव

सर्वप्रथम बाढ़ में पुलिस की कमान जदयू महासचिव आरसीपी सिंह की आईपीएस पुत्री लिपि सिंह को सौंपी गई। लिपि सिंह द्वारा वहां की कमान संभालते ही बाढ़ पुलिस ने अनंत के करीबियों के ठिकानों पर छापे मारे और असलहों का जखीरा बरामद किया। इससे भी अनंत सिंह का मनोबन नहीं टूटा तो अब सूरजभान के भाई को पार्टी ज्वाइन कराने की पहल की गई है।
नीतीश के करीबी मंत्री ललन सिंंह मुंगेर से जेडीयू के उम्मीदबार हो सकते हैं। ऐसी परिस्थिति में ललन को सूरजभान की जरुरत पड़ सकती है। वीणा देवी ने अनंत सिंह को पहले ही ललकारते हुए कहा था कि वो उनका कुछ नहीं बिगाड़ सकते हैं। अनंत पूर्व में नीतीश के करीबी माने जाते रहें हैं। लेकिन इस बार उन्होंने कांग्रेस का दामन थामने की घोषणा की है। साथ वे किसी भी कीमत पर अपने पूर्व के मित्र ललन सिंह को नुकसान पहुंचाने की घोषणा कर चुके हैं। बस इसी बात को लेकर करीब डेढ़ माह से बिहार की सियासत में बबाल मचा हुआ है।

नलिनी रंजन के लिए छवि दांव पर लगायेंगे नीतीश?

पुलिस सूत्र बताते हैंं कि नलिनी रंजन उर्फ़ ललन सिंह तब सुर्ख़ियों में आये थे जब वे जी टीवी के मशहूर क्राइम शो ‘इंडियाज मोस्ट वांटेड’ की कवर स्टोरी बने थे। हालांकि बात पुरानी है लेकिन उस समय वह हत्या, रंगदारी एवं लूट के 15 मामलों में फरार रहते हुए पुलिस के लिए सिरदर्द बने हुए थे। नलिनी रंजन उर्फ़ ललन ने 2015 के विधानसभा चुनाव में मोकामा सीट से जन अधिकार पार्टी से चुनाव लड़ा था।
इसके पूर्व वह एलजेपी से चुनाव लड़ा था, लेकिन हार गया था। 15 अप्रैल 2014 को पटना के डाकबंगला स्थित कौशल्या एस्टेट से आर्थिक अपराध इकाई ने उसे गिरफ्तार किया था। इसके अलावा उसपर कुख्यात शम्भू-मंटू गिरोह से भी साठगांठ रखने का आरोप है। आर्थिक अपराध इकाई ने शंभू-मंटू एवं नलिनी रंजन के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया था।
हालांकि अभी तक नलिनी रंजन को किसी भी कांड में कोर्ट ने दोषी करार नहीं दिया है। चर्चा है कि बाढ़ में सीएम नीतीश कुमार की अनुपस्थिति में होने वाले जदयू के एक कार्यक्रम में नलिनी रंजन पार्टी ज्वाइन करने की सोच रहे हैं। लेकिन इस चर्चा ने राजनीतिक गलियारों में सुशासन बाबू की छवि रखने वाले नीतीश कुमार के लिए भी हॉट एंड स्वीट वाली परिस्थिति पैदा कर दी है। अब देखना है कि क्या एक कांटा निकालने के लिए नीतीश दूसरे कांटे को अपनाने का रिस्क उठा पाते हैं या नहीं।