लॉकडाउन में सीतामढ़ी से दिखने लगा था हिमालय! SC वायु प्रदूषण पर भड़का
नयी दिल्ली : जबसे कोरोना का लॉकडाउन हटा है, भारत के छोटे—बड़े कई इलाके गैस चैंबर वाले खतरनाक वायु प्रदूषण की स्टेज में पहुंच गए हैं। देश की राजधानी दिल्ली दुनिया के टॉप दो सबसे प्रदूषित शहरों में शुमार हो चुकी है। यहां लोग घरों में मास्क पहनने लगे हैं। वहीं बिहार के सीतामढ़ी जैसे छोटे जिले, जहां से अभी एक साल पहले तक लॉकडाउन इफेक्ट के चलते हिमालय की चोटियां साफ दिखने लगी थीं, वही हिमालय इस वर्ष धुंध के तौर पर भी दृश्य नहीं हुआ। वायु प्रदूषण के इसी खतरे को देखते हुए आज सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को जबर्दस्त फटकार लगाई और सुझाव दिया कि यदि जरूरत पड़े तो प्रदूषण रोकने के लिए भी लॉकडाउन लगाया जाए।
प्रदूषण पर लॉकडाउन का सुझाव
देश में और खासकर दिल्ली में बढ़े प्रदूषण के खिलाफ दायर याचिका पर सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस एनवी रमना ने सरकार को फटकारते हुए कहा कि प्रदूषण के लिए किसानों को कोसना एक फैशन बन गया है। कोर्ट ने कहा कि वायु प्रदूषण एक गंभीर स्थिति है। हमें घर पर भी मास्क पहनकर रहना पड़ रहा है। सुप्रीम कोर्ट ने इसकी बेहतरी के लिए दिल्ली या देश में जहां भी जरूरी हो दो दिनों का लॉकडाउन करने पर विचार करने का सुझाव भी सरकार को दिया।
कोर्ट ने बढ़ते प्रदूषण पर चिंता जताते हुए केंद्र से पूछा कि हमें बताएं कि हम एक्यूआई को 500 से कम से कम 200 अंक कैसे कम कर सकते हैं। कुछ जरूरी उपाय करें। क्या आप दो दिन के लॉकडाउन या कुछ और के बारे में सोच सकते हैं? लोग कैसे रह सकते हैं?
कोरोना लॉकडाउन ने दिखाया रास्ता
विदित हो कि देश में कोरोना लॉकडाउन हटने के एक वर्ष बाद तक के अंतराल में हमने अपने वातावरण को इतना दूषित कर दिया है कि यह अब काफी जानलेवा हो गया है। वायु प्रदूषण की ताजा रैंकिंग में हमारे देश के तीन बड़े शहर—दिल्ली, कोलकाता और मुंबई दुनिया के सबसे प्रदूषित शहरों में शुमार हो गए हैं। छोटे राज्यों का हाल भी काफी बुरा है। कोरोना लॉकडाउन का एक पॉजिटिव इफेक्ट पिछले वर्ष हमें तब दिखा था, जब बिहार के सीतामढ़ी से करीब 100 वर्ष बाद हिमालय की चोटियां नंगी आंखों से फिर से दिखने लगी थीं। पर लॉकडाउन खुलने के बाद हमने एक वर्ष के समय में ही वायु को इतना प्रदूषित कर दिया कि हिमालाय की चोटियां सीतामढ़ी से फिर गायब हो गईं।