लॉकडाउन में भी नहीं गई ठसक! सिपाही ने रोका तो साहब ने कराई उठक-बैठक

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अररिया/पटना : लॉकडाउन 2.0 के 7वें दिन आज मंगलवार को बिहार के अररिया में एक वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। इसमें जिले के एक साहब लॉकडाउन के दौरान तैनात एक सिपाही की क्लास लगा रहे हैं। वे सिपाही से इस बात पर नाराज हो गए कि लॉकडाउन में उसने उन्हें क्यों नहीं पहचाना और उनकी गाड़ी रोक उनके बाहर निकलने का मकसद क्यों पूछा। ठसक में साहब ने परिचय देने के बाद सिपाही को उसकी ड्यूटी निभाने का ईनाम उससे बीच सड़क उठक—बैठक लगवाकर दी।

अररिया की घटना, वीडियो हुआ वायरल

वायरल वीडियो में जो अफसर दिख रहा है, वह अररिया का जिला कृषि पदाधिकारी बताया जाता है। वीडियो में साफ देखा जा सकता है कि सिपाही जिला कृषि पदाधिकारी के सामने न सिर्फ उठक—बैठक कर रहा है बल्कि हाथ जोड़ कर उनसे गिड़गिड़ाते हुए माफी भी मांग रहा है। बताया जाता है कि सिपाही का नाम गोनू तात्मा है जिसकी तैनाती अररिया के बैरगाछी में लॉकडाउन का पालन कराने के लिए की गई थी।

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कृषि पदाधिकारी के आचरण पर सवाल

जानकारी के अनुसार कृषि विभाग के अन्य अधिकारियों के साथ जिला कृषि पदाधिकारी वहां से गाड़ी में कहीं जा रहे थे। वहां तैनात इस सिपाही ने जब अधिकारी से पास मांगा और नहीं देने पर 500 रुपये फाइन करने की बात कही तो साहब भड़क गए। इसके बाद वहां तैनात सीनियर पुलिस अधिकारी पहुंचे। फिर सिपाही को कृषि पदाधिकारी से क्षमा मांगने और उठक-बैठक करवाने की घटना हुई।

भाजपा, राजद गरम, डीजीपी करेंगे कार्रवाई

इधर मामले की लीपापोती और राजनीति भी शुरू हो गई। अररिया डीएसपी ने कहा कि मामले की जांच की गई जिसमें पाया गया कि सिपाही खुद उठक बैठक करने लगा। डीएसपी ने कहा कि सिपाही इतना सीधा है कि खुद उठक बैठक और माफी मांगना शुरू कर दिया। लेकिन डीएसपी की यह सफाई गले नहीं उतरती। उधर विपक्षी दल राजद ने इसे कोरोना योद्धाओं का अपमान बताते हुए राज्य सरकार से घटना के जिम्मेदार अफसरों पर कड़ी कार्रवाई की मांग की है। वहीं मामले पर भाजपा प्रवक्ता निखिल आनंद ने कहा कि कृषि पदाधिकारी ने गलत किया। सरकार निश्चित कार्रवाई करेगी और उक्त सिपाही को सम्मानित करेगी। डीजीपी ने भी घटना को शर्मनाक करार देते हुए कार्रवाई की बात कही है।

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