लॉकडाउन का उल्लंघन हुआ तो मुखिया-पार्षद होंगे जवाबदेह, कानून तोड़ने वालों पर दर्ज होंगे केस

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पटना : बिहार में कोरोना मरीजों की संख्या 11 अप्रैल के 10 बजे सुबह तक 60 थी। जिन 11 जिलों में कोरोना फैला है इनमें सीवान में सबसे अधिक 29 लोग इससे संक्रमित हैं। वहीं, 27 जिलों में कोरोना महामारी का प्रसार अभी नहीं हुआ है। जाहिर है ये लॉकडाउन की सख्त पाबंदियों के कारण संभव हो सका है। इस बीच सरकार ने लॉकडाउन की सख्ती को लेकर पंचायतों को भी सख्त संदेश देते हुए कहा है कि गांव के भीतर अगर लॉकडाउन टूटा तो संबंधित पंचायत के मुखिया को इसके लिए जवाबदेह माना जाएगा।

लॉकडाउन उल्लंघन पर दर्ज होगा केस

बिहार सरकार का आदेश है कि मुखिया और पंचायत के वार्ड पार्षद नियमित रूप से यह मॉनीटर करें कि उनके पंचायत में लॉकडाउन का उल्लंघन नहीं हो। जरूरत हो तो स्थानीय प्रशासन से मदद ली जा सकती है। आपदा प्रबंधन विभाग ने सभी जिलों के डीएम और एसपी को स्पष्ट संदेश दिया है कि लॉकडाउन के पालन में अब किसी तरह की रियायत बर्दाश्त नहीं करें। सीधे कार्रवाई हो और जरूरत के हिसाब से मुकदमा कर गिरफ्तारी भी करें।

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ग्रामीण इलाकों में हो रहा लॉकडाउन का उल्लंघन

बता दें कि कई जिलों से ऐसी खबरें आ रही हैं कि ग्रामीण इलाकों में लॉकडाउन का उल्लंघन हो रहा है। यह भी शिकायत मिली है कि गांव में दोपहर में ताश खेलने के लिए निकल जा रहे हैं। ऐसे में लॉकडाउन उल्लंघन के साथ ही सोशल डिस्टेंसिंग का भी सीधा उल्लंघन हो रहा है। अब मुखिया और वार्ड सदस्यों को कहा गया है कि इस तरह की स्थिति पर वह रोक लगाएं।

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