नवादा : कोरोना को लेकर देशव्यापी लॉकडाउन के कारण लोग घरों में कैद हैं। हर क्षेत्र पर इसका बुरा प्रभाव पड़ा है। पर्यटन क्षेत्र को भी काफी नुकसान पहुंचा है। गर्मियों के मौसम में गुलजार रहने वाला जिले का प्रमुख पर्यटन स्थल ककोलत जलप्रपात इन दिनों वीरान पड़ा है। आम तौर पर गर्मी का सीजन आते ही यहां पर्यटकों के पहुंचने का सिलसिला शुरू हो जाता था। प्रतिदिन हजारों की संख्या में सैलानी प्रकृति का आनंद लेने ककोलत पहुंचते थे।
सूबे के विभिन्न जिलों के साथ ही दूसरे राज्य और विदेश से भी काफी संख्या में पर्यटक पहुंचते रहे हैं। लेकिन इस साल गर्मी के मौसम के आने से पहले कोरोना ने दस्तक दे दिया और लोग घरों में लॉकडाउन हो गए। फलस्वरूप ककोलत में पूरी तरह सन्नाटा पसरा हुआ है। लॉकडाउन के चलते ककोलत जाने पर पाबंदी है। लिहाजा दूरदराज की बात तो छोड़ दें, अगल-बगल के लोग भी वहां कदम नहीं रख रहे हैं। ककोलत जलप्रपात में अजीब सा सन्नाटा पसरा हुआ है। बस जारी है तो झरने का अविरल बहना।
चौपट हो गया रोजगार
कोरोना के कहर के बीच स्थानीय लोगों का रोजगार चौपट हो गया। रोजी-रोटी छिन गई। जलप्रपात के नीचे स्थानीय लोगों द्वारा छोटी-छोटी दुकानें सजाई जाती हैं। गर्मी के एक सीजन में ही इन लोगों को अच्छी खासी कमाई हो जाती है। इस साल कोरोना के कहर के चलते लोग अपनी दुकान नहीं सजा पाए।
सरकार को भी राजस्व का नुकसान
हर साल 14 अप्रैल को विसुआ के अवसर पर ककोलत में तीन दिनी मेले का आयोजन किया जाता रहा है। इससे सरकार को हर साल राजस्व की प्राप्ति होती थी। इस साल लॉकडाउन की स्थिति में मेले का आयोजन नहीं हो सका। इसके चलते राजस्व का नुकसान हुआ। पिछले साल राजस्व के तौर पर 19 हजार रुपये प्राप्त हुए थे।