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विपक्ष के नेता को CM का भरोसा, बिहार में होगी जातीय जनगणना, जल्द होगी सर्वदलीय बैठक

पटना : जातीय जनगणना के मसले को लेकर बिहार के नेता विपक्ष तेजस्वी यादव ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मुलाकात की है। तेजस्वी यादव विधानसभा स्थित मुख्यमंत्री चैंबर में विपक्षी दलों ने अन्य कद्दावर नेताओं के साथ नीतीश कुमार से मिलने पहुंचे।

मालूम हो कि, इससे पहले बिहार के नेता विपक्ष तेजस्वी यादव ने बीते दिन ही इस बात का एलान किया था कि वह जातीय जनगणना के मामले को लेकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मुलाकात करेंगे। तेजस्वी यादव का कहना है कि नीतीश कुमार अपने खर्च से बिहार में जातीय जनगणना करवाएं। वहीं, आज के इस मुलाकात में नेता प्रतिपक्ष के साथ कांग्रेस और वाम दलों के साथ-साथ एआईएमआईएम के विधायक भी मौजूद थे।

इस मुलाकात के बाद तेजस्वी यादव ने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा है कि बिहार सरकार अपने खर्चों से राज्य में जातीय जनगणना करवाएगी। तेजस्वी ने कहा कि बिहार में इसके लिए जल्द ही सर्वदलीय बैठक बुलाई जाएगी। यह बैठक 3 से 4 दिनों के अंदर बुलाई जाएगी।

विपक्ष की एकजुटता का ही नतीजा सरकार बिहार में जातीय जनगणना कराने को तैयार

तेजस्वी यादव ने कहा कि हम लंबे अरसे से जातीय जनगणना की मांग करते रहे हैं। ऐसे में केंद्र सरकार ने जब जातीय जनगणना को खारिज कर दिया है। तो बिहार अपने खर्च पर जातीय जनगणना कराई इसकी जरूरत है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से हमने आज एक बार फिर इसी मसले को लेकर मुलाकात की। उन्होंने कहा कि यह विपक्ष की एकजुटता का ही नतीजा है कि सरकार बिहार में जातीय जनगणना कराने को तैयार हो गई है।

वहीं, दूसरी तरफ इससे पहले बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी ने बिहार सरकार के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे से इस्तीफे की मांग की है। राबड़ी देवी मुजफ्फरपुर अस्पताल में हुए लापरवाही को लेकर मंगल पांडे से इस्तीफे की मांग की।

राबड़ी देवी का कहना था कि मुजफ्फरपुर मामले पीड़ितो के लिए सरकार 25 लाख रूपया मुआवजा दें और साथ ही साथ स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय अपने पद से इस्तीफा दें। इसके अलावा पीड़ित परिवार को बिहार सरकार सरकारी नौकरी भी दें। वहीं , इसके साथ ही राबड़ी देवी ने विस में बिहार सरकार के मंत्री जीवेश मिश्रा की गाड़ी रोकने को लेकर कहा कि राज्य में अब जन प्रतिनिधि की कोई इज्जत नहीं है। सरकार के अधिकारी विधायक और मंत्री को वैल्यू नही देते है। सरकार जान बूझकर बेइज्जती कराती है। मुख्यमंत्री द्वारा अधिकरियों को खुला छूट दे रखा है।