अपहरण में घिरे Bihar के कानून मंत्री, बुरे फंसे नीतीश को नहीं सूझ रहा कुछ…
पटना: नीतीश के पाला बदल के बाद उनकी नई कैबिनेट और महगठबंधन सरकार में कानून मंत्री बनाए गए राजद नेता और एमएलसी कार्तिकेय सिंह के मामले में मुख्यमंत्री पूरी तरह एक्सपोज हो गए हैं। कानून मंत्री कार्तिकेय सिंह के खिलाफ कोर्ट से अपहरण के एक मामले में वारंट जारी है। लेकिन फिर भी नीतीश कुमार ने उन्हें मंत्री बनाया। अब मुख्यमंत्री को जवाब देते नहीं बन रहा और वे मामले से अनभिज्ञ होने की बात कह कन्नी काट रहे।
मामले से कन्नी काट रहे मुख्यमंत्री
अपहरण में कानून मंत्री के खिलाफ जारी वारंट पर जब बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से पत्रकारों ने सवाल पूछा तो उन्होंने कहा कि उन्हें इस मामले की कोई जानकारी नहीं है। उन्होंने कहा कि मैं इस बारे में पता करूंगा फिर जवाब दे सकूंगा। बिहार में महागठबंधन की नई सरकार बनने के बाद अभी दो दिन पहले ही मंत्रालय का बंटवारा हुआ है। कार्तिैकेय सिंह बहुबली पूर्व विधायक और सजायाफ्ता अनंत सिंह के करीबी हैं। फिलहाल वे राजद के एमएलसी हैं।
एफआईआर के बाद वारंट इशू
जानकारी के अनुसार 16 अगस्त अपहरण के एक मामले में कार्तिकेय सिंह को सरेंडर करना था लेकिन वे कोर्ट में पेश नहीं हुए। इस चलते अब विपक्ष हमलावर हो गया है। वहीं जब इस मामले के बारे में कार्तिकेय सिंह से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि मैंने चुनाव आयोग में हलफनामा पेश किया है। इसमें मेरे खिलाफ कोई वारंट नहीं है।
कार्तिकेय सिंह पर क्या है मामला
साल 2014 में राजीव रंजन की किडनैपिंग हुई थी। इसके बाद कोर्ट ने इस मामले में संज्ञान लिया। राजीव रंजन की किडनैपिंग मामले में एक आरोपी बिहार के कानून मंत्री कार्तिकेय सिंह भी हैं जिनके खिलाफ अदालत ने वारंट जारी किया है। उन्हें 16 अगस्त को पेश होना था लेकिन वे उस दौरान शपथ ले रहे थे। कार्तिकेय सिंह ने अभी तक ना तो कोर्ट के सामने सरेंडर किया है ना ही जमानत के लिए अर्जी दी है।
सुशील मोदी ने नीतीश पर बोला हमला
बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री और राज्यसभा सांसद सुशील मोदी ने कहा कि अगर कार्तिकेय सिंह के खिलाफ वारंट था तो उन्हें सरेंडर कर देना चाहिए था। लेकिन उन्होंने कानून मंत्री के रूप में शपथ ली है। मैं नीतीश से पूछता हूं कि क्या वह बिहार को लालू के जमाने में वापस ले जाने की कोशिश कर रहे हैं। कार्तिकेय सिंह को तत्काल बर्खास्त किया जाना चाहिए।