लालू ने रेलवे में बिना परीक्षा—इंटरव्यू बहाल कर दिये 276 लोग, कैसे?
पटना : लालू प्रसाद का एक नया कारनामा सामने आया है। उनके रेलमंत्री रहने के दौरान राजस्थान में 276 लोग बिना परीक्षा और इंटरव्यू के रेलवे में भर्ती किये गए। इनमें 111 लोग अकेले बिहार के थे। वर्ष 2004—09 के बीच लालू के रेलमंत्री रहने के दौरान हुई इन नियुक्तियों को लेकर पिछले दिनों शिकायत की गई थी। अब सीबीआई ने इन कथित अवैध भर्तियों की जांच शुरू कर दी है। फिलहाल ये सभी कर्मी रेलवे में कार्यरत हैं।
सीबीआई ने उत्तर-पश्चिम रेलवे जोन से इन 276 कर्मचारियों का पूरा ब्योरा मांगा है। संभावना है कि कर्मचारियों की पूरी पड़ताल के बाद लालू की भूमिका की भी जांची की जाएगी। जानकारी हो कि रेलवे महाप्रबंधक के पास जरूरत के अनुसार नियुक्तियां करने का अधिकार होता है। यह नियुक्तियां व्यवस्था बनाए रखने के लिए सब्सटिट्यूट के तौर पर की जाती हैं। 120 दिनों के नियमित प्रशिक्षण के बाद नियुक्त लोगों को अस्थायी कर्मचारी का दर्जा मिल जाता है। फिर स्क्रीनिंग के बाद बिना परीक्षा या इंटरव्यू के ही इन्हें स्थायी कर्मचारी बना दिया जाता है।
गौरतलब है कि बीते दिनों लालू के कार्यकाल में हुई इन 276 नियुक्तियों के खिलाफ एक शिकायत दर्ज की गई थी। सीबीआई ने जांच शुरू की तो पता चला कि उपयुक्त कर्मचारियों को जोधपुर, जयपुर, बीकानेर और अजमेर मंडल में नियुक्त किया गया था। अब उत्तर-पश्चिम रेलवे जोन की कार्मिक अधिकारी ने चारों मंडल रेल प्रबंधक से उन कर्मचारियों के मौजूदा पोस्टिंग की सूची मांगी है। यह जानकारियां सीबीआई की जांच के लिए मांगी गई हैं। सबसे खास बात यह है कि नियुक्त कर्मचारियों में से 111 लोग बिहार के हैं। वहीं उत्तर प्रदेश के 16, दिल्ली के 11, हरियाणा के 9, राजस्थान के 116 और अन्य राज्यों के 13 लोग शामिल हैं। इसके अलावा 2007-08 में भी ऐसे ही 130 लोगों की नियुक्ति की गई थी, जिनमें से 95 लोग केवल बिहार के थे। ऐसे में लालू यादव की भूमिका शक के दायरे में आ जाती है।