पटना: बिहार में चुनाव को लेकर राजनीतिक दल अपना-अपना दांव खेलना शुरू कर चुके हैं। राजग व महागठबंधन के नेता एक-दूसरे को मात देने का कोई कसर नहीं छोड़ रहे। राजद के चार विधायकों को जदयू ने अपनी पार्टी में शामिल कर, दांव चल दिया है। इसको ऐसे समझिए। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने लालू के लाल को राजनीतिक समर में घेरने की पूरी तैयारी कर ली है। जहां राघोपुर विधान सभा क्षेत्र से तेजस्वी प्रसाद यादव को आसन्न विधान सभा चुनाव जीतना अब कठिन होगा वहीं तेज प्रताप यादव अपने महुआ विधान सभा क्षेत्र को पहले ही त्याग देने का मन बना चुके है।
लालू के करीबी माने जाने वाले उदय नारायण राय उर्फ भोला राय ने शुक्रवार को जदयू की सदस्यता ग्रहण कर ली। भोला राय वहीं व्यक्ति हैं जिन्होंने 1995 में राघोपुर विधान सभा क्षेत्र लालू प्रसाद के लिए छोड़ दी थी, जबकि वह वहां से तीन बार विधान सभा के लिए चुने गए थे। हालाकि यह बात भी सही है कि लालू प्रसाद ने रिश्ता निभाते हुए उन्हें भोला राय को एम एलसी बनाया तथा मंत्री पद से सुशोभित किया। लेकिन कालांतर में लालू परिवार से भोला का रिश्ता कमजोर पड़ता चला गया। जानकार का मानना है कि लालू और राबड़ी के चुनाव की कमान भोला राय ही संभालते थे। भोला का सब्र तब टूट गया जब इनके पुत्र सुरेश राय को पार्टी ने कोई जगह नहीं मिली। वैशाली जिला मुखिया संघ से अध्यक्ष और भोला राय के करीबी माने जाने वाले अजय राय का मानना है कि तेजस्वी का आगामी विधान सभा चुनाव जीतना राघोपुर से मुश्किल होगा। वहीं दूसरी तरफ तेज प्रताप जो पिछले चुनाव में महुआ से विजयी हुए थे ने अपना पुराना क्षेत्र छोड़कर यादव बाहुल्य हसनपुर विधान सभा से चुनाव लडने का फैसला किया है। उन्होंने तो वहां रोड शो भी किया तथा जनता को अपार सहयोग देने के लिए धन्यवाद भी दिया।
सूत्र बताते हैं कि तेज प्रताप का पीछा उनकी पत्नी ऐश्वर्या राय वहां भी कर सकती हैं। ऐश्वर्या के पिता और परसा विधायक चंद्रिका राय ने इस आशय का इशारा भी किया है। इतना हीं नहीं वैशाली में एक नए पुलिस अधीक्षक की तैनाती की गई है। जबकि पूर्व पुलिस अधीक्षक गौरव मंगला काफी अच्छे ढंग से काम करते हुए ना सिर्फ जनता का दिल जीता था बल्कि अपराध नियंत्रण में भी सफतला हासिल की थी। कुल मिलाकर लालू के दोनों लाल को चुनावी समर में घेरने की पूरी तैयारी नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली जेडीयू ने कर ली है। देखना दिलचस्प होगा कि राजनीति के मजे खिलाड़ी लालू अपने लाल को कैसे इस चुनावी चक्रव्यूह से निकाल पाते हैं।