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लालू के अपनो के कारण रांची पहुंचकर नहीं मिल पाये रघुवंश बाबू

पटना : पूर्व केन्द्रीय मंत्री एवं पार्टी राष्ट्रीय के उपाध्यक्ष डा रघुवंश प्रसाद सिंह कल शनिवार को लालू के अपनों के कारण रांची पहुंचकर भी उनसे नहीं मिल पाये। लालू के हरियाणा से आये समधी, दामाद और पुत्री धनलक्ष्मी के आ जाने से वे नहीं मिल पाये। अब वे अगले शनिवार को फिर रांची जायेंगे। जेल प्रशासन द्वारा लालू से प्रत्येक शनिवार सिर्फ तीन व्यक्तियों को मिलने की अनुमति है।
डा सिंह ने रांची से टेलीफोन पर लंबी बातचीत में कहा कि वे पार्टी अध्यक्ष लालू प्रसाद से रिम्स में पहले से तय कार्यक्रम के तहत मिलने आये थे। परंतु दामाद-बेटी के साथ समधी के भी आ जाने से लालू से मिलने का कार्यक्रम टल गया। पूर्व मंत्री जगदानंद और तेजस्वी के भी रांची आने का कार्यक्रम स्थगित हो गया।
उन्होंने कहा कि देवघर कोषागार से संबंधित चारा घोटाला मामले में रांची हाईकोर्ट से आधी सजावधि पूरी होने पर जमानत मिलने से पार्टीजनों में उत्साह बढना स्वभाविक है। इसी तरह अन्य मामले में भी जमानत मिलने की राह आसान होगी। उन्होंने कहा कि उम्मीद बंधी है कि अगले वर्ष बिहार में होने वाले चुनाव के पहले लालू जेल से बाहर होंगे। बिहार में राजग सत्ता से बाहर होगा और नीतीश के बगैर महागठबंधन की सरकार बनेगी। परंतु इसके पहले बिहार में मुख्य विपक्षी दल होने के नाते जनता की बुनयादी समस्याओं को लेकर पार्टी को संघर्ष के लिए सडक पर उतरना चाहिए। लोकसभा चुनाव में मिली हार के कारण घर बैठने से काम नहीं चलेगा। पार्टी के संगठनात्मक चुनाव से कहीं ज्यादा महत्वपूर्ण जनता की कठिनाइयों और राज्य सरकार की विफलताओं के खिलाफ संघर्ष शुरु करना है। संघर्ष से मुंह मोडना राजद के लिए आत्मघाती है।
डा सिंह ने कहा कि राजद के संगठनात्मक चुनाव के लिए अभी से सात महीने का समय लेना उचित नहीं है। उन्होंने कहा कि पार्टी का संगठनात्मक चुनाव रश्म अदायगी भर है। इससे कोई बदलाव थोडे आने वाला है। पार्टी को अगले चुनाव को ध्यान में रखकर अभी से लगना होगा। इसके पहले विधानसभा की पांच सीटों के उपचुनाव जीतने की भरसक कोशिश करनी होगी। समय पर बिहार विधानसभा के चुनाव के लिए अब 17 महीने बचे हैं। राजद को लोकसभा चुनाव के नतीजे से सबक लेकर एमवाई के साथ समाज के अन्य वर्ग के लोगों सहित सभी लोगों से जुडने का काम करना होगा। विधानसभा में राजद के 79 विधायक रहते। लोकसभा चुनाव में सिर्फ 9 विधानसभा क्षेत्रों में ही पार्टी को मिली बढत के कारणों की ईमानदारी से गहन समीक्षा करने के साथ अगला चुनाव जीतने की रणनीति बनानी होगीँ। उन्होंने कहा कि पार्टी के साथ सभी वर्गों को जोडने की पहल करनी होगी। उन्होंने कहा कि तेजस्वी को भावी मुख्यमंत्री बनाने का संकल्प साकार करने के लिए राजद को जनता के सवालों पर संघर्ष करना होगा।
(अरुण कुमार पांडेय)