पटना : क्षेत्र चाहे कोई भी हो बिहार के युवा देश हो या विदेश कहीं भी अपनी कामयाबी का लोहा मनवाते हैं। ऐसा ही कुछ कर दिखाया है बेगूसराय के एक साधारण व्यवसाई परिवार से आने वाले ऋतुराज ने। इन्होंने बुधवार की रात्रि में गूगल जैसे कंपनी के एक साइट को 51 सेकंड के लिए हैक करके गूगल को भी अपना लोहा मनवा दिया।
वहीं, गुगल साइट के हैक होते ही पूरी दुनिया में बेठे गुगल के अधिकारियों के हाथ पांव फूल गये। इसके साथ ही अमेरीका के आफिस में अफरा -तफरी मच गई। वो कुछ समझ पाते इससे पहले मंत्र 51 सेकंड में ऋतुराज ने पुनः गुगल को फ्री कर उसकी सेवाएं बहाल कर दी और गुगल को मेल किया की आपकी इस गलती की वजह से मैं इसे हैक कर सका।
यह मेल कर ऋतुराज तो सो गया क्योंकि हमारे यहां रात थी। मगर मेल पढ़ गूगल के अधिकारी चैन से नहीं बैठ सके, मेल में दी गई सारी डिटेल को फालो कर वहां के अधिकारियों ने भी गुगल को 1 सेकंड के लिऐ हैक कर देखा और उनको गलती का एहसास हुआ। आनन – फानन में अमेरीका में 12 घंटे मीटिंग चली और लास्ट डिसीजन हुआ कि उस लड़के को बुलाओ! दिन के ठीक 2 बजे ऋतुराज के पास मेल आया कि हम आपकी काबिलियत को सैल्यूट करते हैं, आप हमारे साथ काम कीजिए… हमारे अधिकारी आपको लेने आ रहे हैं ।
3.66 करोड़ का पैकेज
तुरंत दूसरे मेल में गुगल ने ऋतुराज को जोइनिंग लेटर दे दिया, उसमें 3.66 करोड़ का पैकेज दिया। ऋतुराज के पास पासपोर्ट नहीं था, गुगल ने भारत सरकार से बात की और सिर्फ 2 घंटे में उसका पासपोर्ट बन कर घर आ गया। ऋतुराज आईआईटी मणिपुर में बीटेक सेकंड ईयर का स्टुडेंट है। और बेगुसराय के पास ही छोटे गांव मुंगेरीगंज के निवासी है।
गूगल सबसे बड़ा सर्च इंजन
वहीं, ऋतुराज ने बताया कि गूगल सबसे बड़ा सर्च इंजन है, परंतु उसके साइट पर ब्लैक हैट हैकर्स एक रास्ते से हमला कर सकते थे जिसे उन्होंने ढूंढ कर गूगल को रिपोर्ट किया. इसके बाद कंपनी उसमें सुधार कर रही है। इस घटना के बाद गूगल ने बिहार के लाल ऋतुराज को गूगल हॉल ऑफ फेम अवार्ड से नवाजा है।
साइबर सिक्योरिटी पर शोध कर रहे ऋतुराज
बता दें कि, ऋतुराज के पिता राकेश चौधरी एक व्यवसाई हैं। वहीं, ऋतुराज पढ़ाई के साथ साथ अलग से साइबर सिक्योरिटी पर शोध कर रहे हैं। ऋतुराज के मेल के बाद गूगल के अधिकारियों ने भी ऐसा माना कि उनके साइड में बड़ी चूक है जिसका फायदा ब्लैक हट हैकर उठा सकते हैं गूगल के अधिकारी इसके समाधान में जुटे हुए हैं।