क्यों तेजस्वी ने कन्हैया को कराया लेफ्ट—राइट? जानकर चौंक जाऐंगे आप

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पटना : अभी कल ही पटना के ऐतिहासिक गांधी मैदान में सीपीआई की ‘भाजपा हटाओ, देश बचाओ’ रैली हुई थी। लेकिन इस रैली से बिहार में विपक्ष के मुख्य स्तंभ राजद के तेजस्वी यादव गायब रहे। रैली में कांग्रेस समेत विपक्ष के सभी बड़े नेता शामिल हुए। लेकिन इस अहम रैली से दूरी बनाकर तेजस्वी ने सियासी हलके में चर्चाओं का बाजार गर्म कर दिया है। जेएनयू के पूर्व अध्यक्ष और वाम नेता कन्हैया के लिए भी यह रैली एक तरह से लांचपैड की माफिक थी। अब सियासी गलियारे में लोग पूछ रहे हैं कि कन्हैया ने तेजस्वी से इतनी बार इस रैली में शामिल होने की मिन्नत की। लेकिन फिर भी तेजस्वी ने कन्हैया को इस मुदृे पर ‘लेफ्ट—राइट’ क्यों करवा दिया? आइए जानते हैं पूरा सच।

एक जंगल में दो शेर नहीं रह सकते

तेजस्वी यादव सीपीआई की रैली में जब मंच साझा करने नहीं तो चर्चाओं का बाजार गरम हो गया। इससे पहले भी सीपीआई की रैली में तेजस्वी यादव शामिल नहीं हुए थे। हालांकि इस बार सीपीआई की रैली में आरजेडी की ओर से रामचंद्र पूर्वे को भेज कर आरजेडी ने खानापूर्ति कर ली। लेकिन तेजस्वी के न आने पर सवाल जरूर खड़े हो गए।
दरअसल, सीपीआई की रैली में दिल्ली से आए जेएनयू के पूर्व छात्र अध्यक्ष कन्हैया कुमार भी शामिल हुए। ऐसा माना जा रहा है कि सीपीआई ने कन्हैया को लांच करने के लिए ही रैली का आयोजन किया था। ऐसे में तेजस्वी यादव का मंच साझा न करना लाजमी था। वे बिहार में अपने आगे किसी दूसरे युवा नेता को उभरने क्यों देंगे? क्या एक जंगल में दो शेर रह सकते हैं?

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लोकप्रियता का बंटवारा मंजूर नहीं

तेजस्वी यादव खुद एक उभरते युवा नेता हैं। वहीं, कन्हैया कुमार के भी नई पारी की शुरूआत करने की बात हो रही है। ऐसे में तेजस्वी यादव नहीं चाहते कि वह अपनी लोकप्रियता कन्हैया के साथ बांटें। तेजस्वी नहीं चाहते थे कि सीपीआई के कार्यक्रम के दौरान उनके भाषणों से ज्यादा कन्हैया के भाषण पर लोग ताली बजाएं। इसलिए उन्होंने दूरी बनाना ही उचित समझा। हालांकि, कन्हैया कुमार ने सीपीआई की रैली में अपने भाषण के दौरान आरेजडी नेता तेजस्वी यादव की खूब तारीफ की। वहीं, उन्होंने यह भी कहा कि उनका चुनाव लड़ना अभी तय नहीं हुआ है, लेकिन पार्टी कमान जो भी आदेश देगी उसे निभाने के लिए वह तैयार हैं।

इस रैली में तेजस्वी यादव के शामिल न होने को सत्ताधारी दल ने मुद्दा बना लिया। जदयू प्रवक्ता डॉ सुनील ने कहा कि महागठबंधन पूरी तरह भ्रष्टाचार में लिप्त लोगों को बचाने का मंच बन गया है। इसकी न नीति है और ना ही नेता। क्योंकि निजी स्वार्थ के लिए इसमें शामिल हर एक पार्टी अपने कार्यक्रम करती है। सीपीआई आज के दिन में विश्व में अर्थहीन हो गई है। देश और प्रदेश में इनकी जमीन नहीं है। बैसाखी के सहारे हैं। निजी स्वार्थ के लिए तेजस्वी यादव काम करते हैं, इसलिए ऐसे आयोजन में तेजस्वी यादव नहीं गए। उन्हें पता है कि इस रैली से उनको कोई फायदा नहीं पहुंचने वाला।

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