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क्या सच में बिदक गए नीतीश? बिछने लगी विस चुनाव की बिसात

पटना : क्या सचमुच भाजपा से नीतीश कुमार बिदक गये हैं? विधानसभा चुनाव की बिसात बिछने लगी है। राजनीतिक जोड़तोड़ और गठबंधन-महागठबंधन की चर्चाएं भी राजनीतिक गलियारे से निकल कर पार्टी कार्यालयों में होने लगी हैं। गठबंधन राजनीति के दिग्गज माने जाने वाले मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अघोषित शर्तों को मोदी सरकार ने जैसे ही खारिज कर केंद्रीय कैबिनेट में एक सीट देने की बात की, वैसे ही वे बिदक-से गये हैं। अब वाकयुद्व शुरू हो गया है।

गिरिराज ने शाहनवाज और नकवी की दावत की खारिज

अर्से बाद जदयू और भाजपा के बीच बयानों के तीर चलने लगे हैं। केन्द्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने जैसे ही इफ्तार पार्टी पर कमेंट किया, वैसे ही तीरों के बौछार उन्हें जदयू के संजय सिंह से झेलने पड़े। अपने तपाकी स्वभाव के लिए चर्चित गिरिराज संजय सिंह को कुछ जवाब देते, तब तक उन पर पार्टी अध्यक्ष अमित शाह की चाबुक चल गई और उन्हें शांत रहने की हिदायत की गयी। वे शांत तो हुए पर दिल्ली में पूर्व मंत्री शाहनवाज हुसैन और केन्द्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास अंसारी की दावतों को उन्होंने कबूल नहीं किया।

हारे हुए नेताओं की पहली पसंद बने नीतीश

इधर, हालत ये है कि हाल के लोकसभा चुनाव में परास्त हुए योद्वा पप्पू यादव और उनकी पत्नी ने पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव को नसीहत दे डाली कि उन्हें नीतीश कुमार के साथ गठबंधन कर लेना चाहिए। इस संबंध में पूछने पर जदयू प्रवक्ता ने कहा कि पप्पू यादव पहले ये तो बताएं कि वे जाएंगे किधर?
जदयू कार्यालय में खुसुर-फुसुर इस बात को लेकर शुरू है कि आखिर इफ्तार की दावतों में पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी से बहुत उत्साह से नीतीश कुमार क्यों मिले? ये वही मांझी हैं जिन्होंने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को कई बार भला-बुरा कहा था। एक बार तो नीतीश कुमार ने यहां तक कह डाला था कि उनकी जिंदगी सबसे बड़ी राजनीतिक चूक मांझी को मुख्यमंत्री के रूप् में प्रस्तावित करने की थी। सो, क्या हो गया अचानक कि दानों गले तपाक से मिले।
राजद के एक दिग्गज नेता ने बताया कि राजनीति में कुछ भी संभव है। यहां कोई स्थायी दोस्त और दुश्मन नहीं होता। पार्टी के रणनीतिकार और लालू परिवार के करीबी रहे उक्त नेता ने बताया कि संभव है तेजस्वी कोई फैसला लें। महागठबंधन में सेक्यूलर इमेज को देखते हुए जदयू से नजदीकियां बढ़ भी सकतीं हैं। कारण-एनडीए के अकेले नेता नीतीश कुमार ही हैं जो कश्मीर में धारा 370 हटाने की भाजपा की बात पर भड़क उठे थे। वैसे, अभी विधानसभा चुनाव में देरी है। इसलिए कुछ भी आकलन ठीक नहीं।