पटना : बिहार के अगले डीजीपी कौन होंगे? इस सवाल का जबाब सोमवार तक मिल जाने की संभावना है। वर्तमान डीजीपी के एस द्विवेदी 31 जनवरी को सेवानिवृत होने वाले हैं। पुलिस सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार द्विवेदी का कार्यकाल छह माह तक बढ़ाए जाने की पूरी संभावना है। सोमवार तक इसकी अधिसूचना जारी कर दिये जाने की उम्मीद जताई जा रही है। द्ववेदी का कार्यकाल बाढ़ाये जाने से कई आईपीएस अधिकारियों की डीजीपी बनने की आशा पर पानी फिरता दिख रहा है। कार्यकाल बढ़ाये जाने को राजनीतिक दृष्टि से भी देखा जा रहा है। द्ववेदी को ही आगामी लोकसभा का चुनाव करवाने की जिम्मेदारी दी जा रही है। मालूम हो कि द्विवेदी के डीजीपी बने रहने से बीजेपी खेमे में उत्साह है। पटना पुलिस लाइन में हुई घटना ने द्विवेदी के कार्यकाल को विवादों में ला दिया था। जबकि सूबे में राजनीतिक कार्यकर्ताओं की हत्या का दौर अभी थमा नहीं है।
सूत्रों का कहना है कि सुप्रीम कोर्ट ने बिहार समेत अन्य राज्यों को यूपीएससी से माध्यम से ही पुलिस महानिदेशक चुने जाने पर हामी भरी। तभी से यह कयास लागाया जा रहा था कि द्विवेदी को एक्सटेंशन यानी सेवा विस्तार मिल जाएगा। सूत्रों का कहना है कि यूपीएससी सीनीयरिटी के आधार पड़ ही तीन नामों पर मुहर लगा कर राज्य सरकार को भेज देगी। लेकिन उनका कार्यकाल दो वर्ष से कम नहीं होना चाहिए। साथ ही साथ उनकी छबि भी ठीक होनी चाहिए। जिन नामों कि चर्चा की जा रही थी उनमें आरके मिश्रा का नाम सबसे ऊपर चल रहा था। लेकिन चर्चा यह भी है कि आरके मिश्रा का नाम यूपीएससी द्वारा राज्य सरकार को भेजे जाने वालों में इसलिए नहीं था कि उनका कार्यकाल दो वर्ष से कम है और 2020 में वे रिटायर होने वाले थे। दिनेश सिंह बिष्ट के अलावे एके वर्मा एवं शीलवर्धन का भी नाम शामिल है। बिहार में डीजीपी पद के लिए अन्य पदाधिकारियों में सुनील कुमार एवं गुप्तेश्वर पांडेय का नाम भी चर्चा में बना हुआ था। चूंकि लोकसभा चुनाव नजदीक है इसलिए द्विवेदी को सेवा विस्तार का लाभ मिल सकता है। नियमानुसार यूपीएससी को तीन माह पूर्व संभावित पदाधिकारियों की लिस्ट मिल जानी चाहिए। ऐसा सुप्रीम कोर्ट के ताजा फैसले के कारण हुआ। 15 जनवरी को इस मामले में सुनवाई हुई थी।
रमाशंकर