पटना : मुंबई में काम करने वाला पटना का गौरव जब कुछ दिनों की छुट्टी पर अपने परिजनों से मिलने अपने घर आया तो यहां उसने राजधानी के एक एटीएम से अपने डेबिट कार्ड से 6000 रुपये का ट्रांजेक्शन किया। उस समय उसके खाते में महज 7000 रुपए ही बैलेंस थे। लेकिन उसके द्वारा किये गए इस ट्रांजेक्शन में एटीएम से पैसा तो नहीं निकला, पर खाते से राशि जरूर कट गयी। ऐसी घटना केवल गौरव के साथ ही नहीं हुई, बल्कि कई लोगों को ऐसी परेशानी गुजरना पड़ता है। लेकिन ऐसा होने पर हम क्या करें?, यह सवाल हम सभी को बार—बार परेशान करता है। आइए जानते हैं क्या है इसका निदान।
एटीएम जारी करने वाले बैंक में करें शिकायत
यदि आपके साथ ऐसी परिस्थिति उत्पन्न हो जाए जिसमें एटीएम से पैसा कट जाए और नहीं निकले तो सबसे पहले कार्ड जारी करने वाले बैंक में शीघ्र शिकायत दर्ज करें।बैंक में ग्राहक सेवा केंद्र होता है जिसे आपकी शिकायत हर हाल में लेनी ही होगी और आपको आपके शिकायत की संख्या बतानी होगी। बैंक ने आपकी शिकायत दर्ज की या नहीं, यह जानकारी आपको मोबाइल पर मैसेज के जरिए मिल जाएगी। शिकायत के बाद कार्ड इश्यू करने वाले बैंकों को सात दिनों के भीतर वापस पैसा आपके खाते में डालना अनिवार्य है। मतलब आपके खाते में पैसा एक सप्ताह के भीतर आ जाएगा।
7 दिन में मामला नहीं सुलझने पर बैंक देगा हर्जाना
शिकायत दर्ज होने के 7 दिन के अंदर यदि बैंक समस्या का समाधान नहीं कर पाता है तो उसे अपने ग्राहक को हर्जाना देना होगा। आरबीआई के नियमों के मुताबिक देरी की स्थिति में बैंक को रोजाना अपने ग्राहक को 100 रुपये का हर्जाना देना पड़ेगा। इसकी राशि बैंक को बिना शर्त खाते में डालनी होगी। ग्राहकों को हर्जाने की राशि तभी मिलेगी जब उसने शिकायत 30 दिन के भीतर की हो।
इतना होने पर भी यदि आपको समाधान नहीं मिले तो आप बैंकिंग लोकपाल से शिकायत कर सकते हैं। ऐसा बैंक के जवाब से असंतुष्ट होने पर या बैंक द्वारा सूचनाएं छुपाने और मामले को लिंगर करने की सूरत में किया जा सकता है।