क्या जूट कैपिटल कटिहार का लौटेगा गौरव?

0

कटिहार : कभी बिहार की ‘जूट राजधानी’ का गौरव रखने वाला कटिहार आज अपनी बदहाली पर रो रहा है। उद्योग नगरी की पहचान रखने वाला यह शहर एक बुरे दौर के अनुभव और जनप्रतिनिधियों की उपेक्षा का प्रतिदर्श बन गया है। बुरे दौर ने धीरे-धीरे कटिहार के कई उद्योगों को न केवल समेट दिया बल्कि उद्योगपति भी यहां से पलायन कर गए। इसी सबके बीच आशा की एक नई किरण तब दिखी जब यहां के बंद उद्योगों को फिर शुरू करने के लिए सर्वदलीय संगठन ने पहल शुरू की।
कटिहार शहर में कई उद्योग थे। दिया—सलाई, स्टील फैक्ट्री, फ्लोर मिल, जूट मिल जैसे कई उपक्रम यहां लोगों को रोजगाद मुहैया करते थे। कटिहार शहर को जूट नगरी के नाम से भी जाना जाता था। यहां दो-दो जूट मिल में लगभग 4000 से अधिक मज़दूर कार्यरत थे। कई लोग इन जूट मिलों से अपने परिवार का पालन पोषण करते थे। लेकिन उपेक्षा और राजनीतिक दलों के रवैये ने इन जूट मिलों को बदहाल कर दिया।
हालांकि मजदूर संगठनों ने कई बार मिल खुलवाने के लिए प्रयास किया, लेकिन विफल रहे। इसबीच पिछले एक साल से इंटक अध्यक्ष विकास सिंह ने इस मामले को लेकर एक सर्वदलीय संगठन बनाकर नई मुहिम शुरू की है। इस संगठन में जिले के सभी राजनीतिक दलों के प्रतिनिधि के साथ—साथ सांसद, विधायक, विधान पार्षद को साथ लेकर उन्होंने धरना—प्रदर्शन किया और इस प्रदर्शन की आवाज को दिल्ली तक पहुंचाने का काम किया। हालांकि इसमें उन्हें स्थानीय सांसद का अपेक्षित सहयोग नहीं मिला। मजदूर संगठन अभी भी इस बात को लेकर प्रयासरत हैं कि वे सर्वदलीय प्रदर्शन और संगठन के माध्यम से मिलों को खुलवाने के लिए केंद्र सरकार को राजी कर लेंगे। मिल मजदूरों का कहना है वर्तमान सांसद का अगर सहयोगात्मक रवैया दिखाते तो ये मिल जरूर खुल जाते। लेकिन मजदूरों के प्रति सहयोगात्मक रवैया नहीं होने का परिणाम है कि इस बात को दिल्ली तक नहीं पहुंचाया जा सका। इस संबंध में कटिहार विधायक तारकेश्वर प्रसाद ने कहा कि सांसद तारिक अनवर के प्रतिनिधित्व में उनकी उपेक्षा के चलते कटिहार जिले का विकास 20 वर्ष पीछे हो गया है। अपने कार्यकाल के दौरान कटिहार में विकास के नाम पर सांसद की उपलब्धि सड़क और पुल—पुलिया के उद्घाटन तक ही सीमित रह गई। जबकि वे कोई विशेष पैकेज नहीं ला सके। बहरहाल अभी कटिहार में एक मिल एक निजी मिल मालिक द्वारा चलाया जा रहा है, जबकि दूसरे मिल को सर्वदलीय संगठन के माध्यम से खुलवाने का प्रयास किया जा रहा है। कटिहार के सदर विधायक-सह-विधानसभा के सचेतक तारकेश्वर प्रसाद ने यह संकल्प लिया है कि कटिहार जिला में इस जूट मिल को चालू करा कर ही दम लेंगे ताकि उद्योग की स्थापना से यहां के लोगों को रोजगार मिल सके। बता दें इसके पूर्व उनके नेतृत्व में दो बार सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल केंद्र सरकार के मंत्री से मिलने के लिए दिल्ली जा चुका है।
विनय कुमार

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here