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क्या है वाहनों के प्रदूषण जांच का नया फॉर्मेट, लापरवाही की तो RC कैंसिल

नयी दिल्ली : केंद्र सरकार अब गाड़ियों के प्रदूषण सर्टिफिकेट को लेकर एक बड़ा कदम उठाने जा रही है। वाहनों के प्रदूषण उत्सर्जन के स्तर पर नजर रखने के लिए एक नया फार्मेट तैयार किया गया है। इसके तहत अब पॉल्यूशन सर्टिफिकेट यानी PUC को पूरे देश में यूनिफॉर्म बनाया जाएगा तथा इसे नेशनल रजिस्टर से लिंक भी किया जाएगा। यदि आपने गाड़ी की प्रदूषण जांच करवाने में लापरवाही बरती तो आपके वाहन का रजिस्ट्रेशन डिजिटली अपने आप कैंसिल हो जाएगा। आइए जानते हैं कि क्या है प्रदूषण जांच और मॉनिटर करने का नया प्लान।

प्रदूषण जांच अब पूरे देश में एकसमान

केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्रालय ने पॉल्यूशन अंडर कंट्रोल सर्टिफिकेट (PUC) का एक नया फॉर्मेट जारी किया है, जो पूरे देश में एक जैसा होगा। अभी तक भारत के विभिन्न राज्यों में प्रदूषण की जांच और सर्टिफिकेट अलग—अलग रूप और फॉर्मेट में बनाने की प्रक्रिया है। लेकिन अब पूरे देश में यह एकसमान होगा।

वाहन धारक हैं तो इन बातों का रखें ध्यान

नये फॉर्मेट के पीयूसी फॉर्म पर एक QR कोड होगा, जिसमें कई तरह की जानकारियां होंगी। जैसे गाड़ी के मालिक का नाम और वाहन के प्रदूषण उत्सर्जन का स्टेटस क्या है। यानी वह कितना धुंआ छोड़ रहा है। नए PUC फॉर्म में अब गाड़ी के मालिक का मोबाइल नंबर होगा, उसका पता, गाड़ी का इंजन नंबर और चेसिस नंबर भी दर्ज होगा। वाहन मालिक के नंबर पर वैलिडेशन और फीस के लिए SMS अलर्ट भी भेजा जाएगा।

गाड़ी रजिस्ट्रेशन हो सकता है कैंसिल

नए प्रदूषण जांच फॉर्मेट के तहत देश में पहली बार रिजेक्शन स्लिप की शुरुआत की गई है। अगर किसी गाड़ी में प्रदूषण स्तर अधिकतम तय सीमा से ज्यादा है तो उसे रिजेक्शन स्लिप थमा दी जाएगी। इस स्लिप को लेकर गाड़ी की सर्विसिंग के लिए सर्विस सेंटर जाना होगा। अगर वहां पॉल्यूशन जांच मशीन खराब है तो मालिक दूसरे सेंटर जा सकता है। अगर गाड़ी का मालिक जांच के लिए वाहन नहीं लाता तो उस पर पेनल्टी लगेगी। रजिस्ट्रेशन अधिकारी लिखित में कारण दर्ज करने के बाद रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट (RC) और परमिट को भी निलंबित कर सकेगा।