क्या है पटवाटोली का मास्टर स्ट्रोक? क्रिकेटर पृथ्वी के दादा यहां आज भी चलाते हैं दुकान

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गया : गया से थोड़ी दूर मानपुर अड्डा के पास पूरब वाली गली में शिवचरण लेन में देश की नई क्रिकेट सनसनी पृथ्वी शॉ का पुश्तैनी मकान है। यह इलाका वृहत रूप में पटवाटोली के नाम से जाना जाता है। क्रिकेटर पृथ्वी शॉ के पिताजी का नाम पंकज शॉ और दादाजी का नाम अशोक शॉ है। पृथ्वी का परिवार सन 1944 से इसी मोहल्ले में रहता है। यहां पृथ्वी के दादाजी की बालाजी कटपीस नाम की दुकान है। दुकान को दादा अशोक शॉ आज भी संचालित करते हैं। क्रिकेटर पृथ्वी के पिताजी पंकज शाह बिजनेस के सिलसिले में मुंबई चले गए थे। पिता पंकज शॉ भी अपने जमाने में गया की जिला स्तरीय क्रिकेट टीम ग्रीनफिल्ड के खिलाड़ी हुआ करते थे। मुंबई जाकर पृथ्वी शॉ ने काफी मेहनत की और अब उन्होंने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में न सिर्फ रिकार्ड पदार्पण किया बल्कि ऐसी चमक बिखेरी जिसकी चमक गया के मानपुर से लेकर पूरी दुनिया में बिखर उठी।आज मानपुर के धरतीपुत्र पृथ्वी शॉ को सचिन तेंदुलकर के बाद टेस्ट क्रिकेट में सबसे कम उम्र का क्रिकेटर बनने का सौभाग्य प्राप्त हुआ है। पृथ्वी की उम्र 18 साल 329 दिन है। उसके शतक से परिवार वाले, मुहल्ले के लोग और समूचा गया जिला गौरवान्वित महसूस कर रहा है। मानपुर में उसके दादाजी को बधाई देने वालों का तांता लगा हुआ है।
बताते चलें की मानपुर में ही पटवाटोली मुहल्ला है, जहां की प्रतिभाओं ने पूरे विश्व में अपना लोहा विभिन्न क्षेत्रों में मनवाया है। यही वह मुहल्ला है जहां से आईआईटी, आईआईएम और इंजीनियरिंग में हर साल पचासों बच्चे निकालते हैं। 10000 की आबादी वाला या पटवाटोली अब तक हजारों इंजीनियर दे चुका है जो अपने आप में एक रिकॉर्ड है। और अब पटवाटोली का क्रिकेटर पृथ्वी शॉ के रूप में मास्टर स्ट्रोक! है न गर्व करने की बात।

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