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क्या है ममता—सीबीआई विवाद का सच? दागी क्यों हुए बागी?

पटना/नयी दिल्ली : चुनावी माहौल में पक्ष—विपक्ष के अलावे देश की दो संवैधानिक संस्थाएं चौतरफा निशाने पर हैं। वे लगातार हमले झेल रही हैं। इन दो संवैधानिक संस्थाओं में एक तो चुनाव आयोग है, ईवीएम को लेकर। दूसरी संस्था है—सीबीआई जिसका काम चोरों को कटघरे में खड़ा करना है। इनपर हमले भी उस तरफ से हो रहे हैं, जिस तरफ या तो दागदार खड़े हैं या उनको बचाने की मंशा रखने वाले। सीबीआई पर ताजा हमला प. बंगाल में सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर शारदा चिटफंड मामले की जांच करने पहुंची उसकी टीम को बंधक बनाने के रूप में सामने आया।

क्या है मामला और कैसे हुई विवाद की शुरुआत

सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर अरबों के घोटाले वाले शारदा चिटफंड मामले की जांच कर रही सीबीआई की एक टीम कल  प. बंगाल के विवादास्पद पुलिस प्रमुख राजीव कुमार से पूछताछ करने उनके आवास पर पहुंची। पुलिस कमिश्‍नर के घर पहुंचे CBI अधिकारियों को कोलकाता पुलिस ने रोक दिया। पुलिस ने सीबीआई को वारंट दिखाने को कहा तथा उन्‍हें कोलकाता पुलिस आयुक्त के आवास के बाहर से जबरन पुलिस स्टेशन ले जाया गया। सीबीआई से टकराव के हालात के बीच पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी कोलकाता के पुलिस आयुक्त के आवास पर पहुंचीं। उन्होंने इस मामले को राजनीतिक रंग देते हुए धरना पर बैठने का ऐलान कर दिया। यहीं से मामला संवैधानिक संकट वाला बन गया।

राजीव कुमार पर क्‍या हैं आरोप, क्यों बचा रही ममता

वर्ष 2013 में शारदा चिट फंड और रोज वैली घोटाले की जांच का जिम्‍मा ममता सरकार ने विशेष जांच दल को दिया था। इसके मुखिया राजीव कुमार थे। वर्ष 2014 में सुप्रीम कोर्ट ने ये दोनों मामले सीबीआई को सौंप दिए। बाद में सीबीआई ने आरोप लगाया कि राजीव कुमार ने कई डॉक्‍यूमेंट, लैपटॉप, पेन ड्राइव, मोबाइल फोन उसे नहीं सौंपे। इस बारे में राजीव कुमार को कई बार समन भेजा गया लेकिन वह सीबीआई के समक्ष पेश नहीं हुए। सीबीआई के मुताबिक इन्‍हीं सबूतों के सिलसिले में उसके अधिकारी रविवार रात राजीव कुमार के आवास पर गए थे।

मालूम हो कि शारदा स्कैम करीब 2500 करोड़ रुपये का है और रोज वैली स्कैम करीब 17,000 करोड़ रुपये से ज्यादा का है। अधिकारियों के मुताबिक, दोनों ही मामलों में आरोपियों के कथित तौर पर सत्ताधारी टीएमसी से लिंक पाए गए हैं। इन दोनों ही चिटफंड घोटालों की जांच सीबीआई कर रही है। इस मामले में बीती 11 जनवरी को सीबीआई ने पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम की पत्नी नलिनी चिदंबरम के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया।