क्या है बिहार का तबादला घोटाला, नीतीश राज में लालू संस्कृति कैसे?

0

पटना : बिहार में तबादला एक उद्योग है, जो लालू—राबड़ी काल में जन्म लेने के बाद काफी फला—फूला और परवान चढ़ा। एनडीए के तहत मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के कार्यकाल में इसपर काफी हद तक अंकुश लगा। लेकिन इसके बावजूद यह पूरी तरह खत्म नहीं हुआ। ऐसे ही एक ताज़ा उदाहरण में बिहार के राजस्व और भूमि सुधार विभाग में 400 अधिकारियों के तबादले में भ्रष्टाचार और अनियमितता की बू आने के बाद उसे राज्य सरकार ने रोक दिया। आइए जानते हैं लालू ने जिस तबादला संस्कृति को जन्म दिया वह बिहार में आज भी कमोबेश क्यों जिंदा है।

बिहार के मुख्य सचिव दीपक कुमार के अनुसार इन ताजा तबादलों में बिहार कार्यपालिका नियमावली के नियमों का घोर उल्लंघन किया गया प्रतीत होता है लिहाजा इन तबादलों की संचिका को मुख्यमंत्री के पास समीक्षा के लिए भेजने के साथ ही इन तबादलों को तत्काल प्रभाव से रोक दिया गया। विभाग के अधिकारियों का मानना है कि इस सूची में कई ग़लतियां और ख़ामियां हैं। जैसे कई ऐसे अधिकारियों का तबादला कर दिया गया, जिन्होंने अपने जगह पर तीन साल का समय पूरा नहीं किया था।

swatva

इसके अलावा जिन अधिकारियों का तबादला 27 जून को किया गया था उसके तीन दिन बाद ही उसी सूची में से आठ सीओ का तबादला रद्द कर दिया गया। इस विभाग के मंत्री भाजपा के वरिष्ठ नेता रामनारायण मंडल हैं। ऐसा कहा जा रहा है कि उन्होंने समय रहते कुछ तबादलों में अनियमितता भांप लिया और उनके निर्देश पर विभाग के प्रधान सचिव विवेक सिंह ने तबादलों पर रोक लगा दी।

फिलहाल तबादलों की फाइल मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के पास भेजी गई है। मुख्यमंत्री अपनी समीक्षा में हर पहलू से अश्वस्त होंगे कि लालू संस्कृति किसी भी तरह से उनकी सरकार में इंटर नहीं करे। इसके बाद ही वे तबादलों की सूची को हरी झंडी देंगे।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here