पटना : बाहुबलियों का बड़बोलापन नीतीश कुमार को कतई पसंद नहीं। शहाबुद्दीन के बाद जब मोकामा के बाहुबली विधायक अनंत सिंह नीतीश कुमार को खुलेआम ललकारने लगे, तब नीतीश ने उनकी फड़फड़ाती जुबान पर लगाम लगाने का सटीक उपाय कर दिया। आइए जानते हैं कैसे?वह भी उन्हीं के क्षेत्र में?
वह वर्ष 2018 की विदाई एवं नूतन वर्ष 2019 के स्वागत में चारो ओर जश्न की रात थी। इस मौके का उपयोग नीतीश जी ने अनंत सिंह को स्थायी तौर से औकात में लाने की पटकथा लिखने में की। पटकथा के प्रथम दृश्य के रूप में पुलिस के वरीय अधिकारियों का तबादला सामने आया। अब इस पटकथा का अगला और मुख्य दृश्य सामने आने वाला है।
आईपीएस तबादलों के रूप में व्यूह—रचना
बिहार में ‘पुलिस-बाहुबली’ खेल के मर्म को जानने वालों ने यह कहना शुरू कर दिया है कि अपनी शैली के लिए खास पहचान रखने वाले आईपीएस अधिकारी कुंदन कृष्णन की एडीजी (मुख्यालय) के तौर पर तैनाती इसी रणनीति के अहम हिस्सा के तहत सोच-समझ कर चला गया एक ठोस दांव है। कुंदन कृष्णन नीतीश कुमार के अत्यंत करीबी माने जाते हैं। कुंदन को अपना मिशन पूरा करने में परेशानी न हो, इसका भी ध्यान रखा गया है। कुंदन को भरपूर सहयोग देने के लिए पटना के पूर्व एसएसपी मनु महाराज को प्रोन्नत करते हुए मुंगेर रेंज का डीआईजी बना दिया गया है। इतना ही नहीं, अनंत को सबक सीखाने के लिए एक तेज तर्रार महिला आईपीएस लिपि सिंह को बाढ़ का एएसपी पूर्व में ही बनाया जा चुका है। लिपि सिंह नीतीश के अत्यंत करीबी सहयोगी आरसीपी सिंह की पुत्री हैं।
नीतीश से खफा चल रहे अनंत ने उन्हें खुलेआम चुनौती देना शुरू कर दिया था। इसी क्रम में उन्होंने मुंगेर लोकसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ने की घोषणा कर दी। यह सभी जानते हैं कि मुंगेर से नीतीश के करीबी ललन सिंह लोकसभा का चुनाव लड़ना चाहते हैं। नीतीश कुमार की पहल पर ही लोजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष रामविलास पासवान ने उस सीट पर अपनी पार्टी की दावेदारी छोड़ी है।
अनंत सिंह ने एकबार कहा था कि आईपीएस अधिकारी कुुंदन कृष्णन उनकी हत्या कराने पर तुले हैं। पिछले वर्ष अनंत सिंह पर बाढ़ के पास स्थित कन्हाईपुर गांव में बम से हमला हुआ था। विस्फोट में वे बाल-बाल बचे थे। हलांकि पुलिस का कहना था कि वहां विस्फोटक कुख्यात अपराधी श्यामसुंदर यादव को मार डालने के लिए उसके विरोधियो द्वारा लगाा गया था। श्यामसुंदर पर सामूहिक बलात्कार व हत्या जैसे जघन्य आपराधिक मामले दर्ज हैं। वह अभी बाढ़ जेल में बंद है।
रमाशंकर