क्या बिहार में भी महाराष्ट्र वाला 50-50? कुशवाहा से मिले संजय पासवान

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पटना : क्रिकेट के टी—20 वर्जन की तर्ज पर राजनीति में 50—50 का वर्जन आकार लेने लगा है। महाराष्ट्र में राजनीति के इस 50—50 वर्जन ने वह उथल—पुथल मचाई कि वहां सत्ता के लिए उत्तर और दक्षिण ध्रूव एक हो गए। अब ऐसा ही कुछ ट्रेंड बिहार के सियासी गलियारे में भी सुनाई देने लगा है। इस ट्रेंड की चर्चा तब जोर पकड़ गई, जब एनडीए में भाजपा-जदयू गठबंधन पर बार-बार मुखर रहे बीजेपे के एमएलसी संजय पासवान अचानक रालोसपा नेता उपेंद्र कुशवाहा के आमरण अनशन में पहुंच गए। दोनों नेताओं की मुलाकात के बाद सियासी गलियारे में तरह—तरह की चर्चा होने लगी।

भाजपा नेताओं की कुशवाहा के अनशन में रुचि

भाजपा एमएलसी संजय पासवान ने कहा कि उपेंद्र कुशवाहा की तबीयत खराब है। उन्हें आक्सीजन दिया जा रहा है। वे शिष्टाचार वश उनसे मिलने धरना स्थल पर गए थे। लेकिन जिस प्रकार पिछले दिनों में उपेंद्र कुशवाहा से मिलने भाजपा के एक धड़े के नेता, मसलन डा. सीपी ठाकुर, आरके सिंन्हा और अब संजय पासवान आदि गए, उसे राज्य में नई राजनीतिक मुहिम के तौर पर भी देखा जा रहा है।

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नीतीश कुमार को बैकफुट पर करने की कवायद

दरअसल, महाराष्ट्र में मुंह की खाने को भाजपा अपने लिए सबक भी मान रही है और एक अवसर भी। बिहार भाजपा का एक धड़ा राज्य में पार्टी को बैशाखी से बाहर निकाल अपने पैरों पर खड़ा करने की कवायद में लगा हुआ है। इस धड़े की सोच कम से कम पार्टी को सम्मानजनक स्थिति में लाने की है, जिसमें गठबंधन की राजनीतिक मजबूरी के चलते कोई भी सहयोगी दल उसे आसानी से बैकफुट पर न कर सके। इस धड़े ने अब बिहार में भी शिवसेना द्वारा महाराष्ट्र में 50—50 सीएम पद के फार्मूले पर सोचना शुरू कर दिया है।

भाजपा को चिकोटी काटने से जदयू को रोकने की मुहिम

बिहार में अगले साल विधानसभा चुनाव है। राजद और महागठबंधन के दरवाजे नीतीश कुमार के लिए पूरी तरह बंद हो चुके हैं। जगदानंद को राज्य अध्यक्ष बनाकर राजद अगले वर्ष होने वाले चुनाव में नई उर्जा के साथ मैदान में आने और सत्ता कब्जाने की जुगत में लग गया है। ऐसे में भाजपा को बार—बार चिकोटी काटने की जदयू की तरकीब भी काम नहीं आनेवाली। साफ है कि बिहार भाजपा की कायापलट करने की मंशा रखने वाला धड़ा इस स्थिति को पार्टी के लिए एक अवसर के रूप में देख रहा है।

संभवत: इसी मुहिम के तहत भाजपा एमएलसी संजय पासवान रालोसपा नेता उपेंद्र कुशवाहा से मिलने मिलर स्कूल ग्राउंड पहुंचे थे। श्री कुशवाहा बिहार में केन्द्रीय विद्यालयों के लिए जमीन की मांग को लेकर पिछले तीन दिनों से आमरण अनशन पर बैठे हुए हैं। बिहार के कुशवाहा वोटरों पर रालोसपा की पकड़ तो है ही। भाजपा का साथ मिलने से यह वोटबैंक और मुखर होकर एनडीए के साथ आ सकता है।

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