नई दिल्ली : अमेरिका ने आतंकी संगठन आईएसआईएस के सरगना अबु बकर अल-बगदादी को मार गिराया है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक प्रेस कांफ्रेंस में रविवार को इसकी पुष्टि की। ट्रंप ने व्हाइट हाउस में संवाददाताओं से बातचीत में बताया कि शनिवार रात अमेरिका ने दुनिया के नंबर एक आतंकी को मार गिराया।
सुनसान इलाके में जमाया था डेरा
डेली मेल की रिपोर्ट के मुताबिक, अमेरिकी सेना के विशेष कमांडोज ने सीरिया के इदलिब प्रांत के सुदूर गांव बारिशा में शनिवार की रात को बगदादी को उसके अंजाम तक पहुंचाने के लिए ऑपरेशन शुरू किया। अमेरिकी सैनिक जब आतंकी सरगना अबू बकर-अल बगदादी की तलाश में अचानक इस सुनसान इलाके में पहुंचे तो लोगों को लगा कि यह आम ऑपरेशन है लेकिन जब अमेरिकी हेलिकॉप्टर एक खास मकान के ऊपर मंडराने लगे तो अभास होने लगा कि यह कोई आम ऑपरेशन नहीं है।
डेल्टा कमांडोज ने दिया अंजाम
रिपोर्टों में कहा गया है कि यह पूरा ऑपरेशन ठीक वैसा ही था जैसा की पाकिस्तान के ऐबटाबाद में अल कायदा सरगना ओसामा बिन लादेन के खिलाफ चलाया गया था। कहा जाता है कि ऐबटाबाद में ऑपरेशन उस खुफिया सूचना के बाद चलाया गया था कि ‘उक्त ठिकाने पर लादेन के मौजूदगी की संभावना सबसे अधिक है।’ अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप के बयान के मुताबिक, सबसे पहले अमेरिकी हेलिकॉप्टरों ने बगदादी के ठिकाने को घेर लिया और उसके बाद अमेरिकी सेना के 70 कुशल डेल्टा कमांडोज उतरे।
मारी गईं दोनों बीवियां
अमेरिकी कमांडोज जब गुफा के दरवाजे पर पहुंचे तो उन्होंने उसे खोलने के बजाए गुफा की दीवार को ही उड़ा दिया। गुफा में पहुंचने पर अमेरिकी कमांडोज को बगदादी की दो पत्नियां दिखीं जिन्होंने कमर में विस्फोटक बांध रखा था। दोनों खुद को उड़ा पातीं उससे पहले कमांडोज की फायरिंग में वे मारी गईं। रिपोर्ट के मुताबिक, इस ऑपरेशन से पहले ही अमेरिकी सेना ने बड़ी संख्या में आईएस के आतंकियों का खात्मा किया था। अमेरिकी कमांडोज को निर्देश थे कि बगदादी पकड़ा जाए तो ठीक अन्यथा उसे ढेर कर दिया जाए।
खौफ से भागने लगा था बगदादी
गुफा में अमेरिकी कमांडोज ने अरबी में बगदादी को सरेंडर करने की हिदायत दी, लेकिन वह मौत के डर से जान बचाकर भागने लगा। इस बीच अमेरिकी सैनिकों ने 11 बच्चों को भी बचाया। गुफा में कुछ आइएस आतंकियों ने सिर पर मौत मंडराती देख समर्पण कर दिया। कमांडोज ने अपने प्रशिक्षित कुत्तों के साथ बगदादी का पीछा किया। बगदादी के साथ तीन बच्चे थे, इसलिए कमांडोज ने ट्रेंड कुत्तों को उसके पीछे छोड़ा। बचने की संभावना खत्म होता देख आतंकी बगदादी ने धमाका करके तीन बच्चों के साथ खुद को उड़ा लिया। बाद में अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने कहा कि ‘बगदादी कुत्ते की मौत मारा गया।’
मौलवी से बना चरमपंथी
बगदादी का जन्म सन 1971 में बगदाद के उत्तर में स्थित समारा में हुआ था। बीबीसी ने पुरानी रिपोर्टों के हवाले से बताया है कि साल 2003 में जब अमेरिकी सेनाएं इराक में दाखिल हुई थीं तब बगदादी शहर की एक मस्जिद में मौलवी के तौर पर काम करता था। बगदादी का एक अमेरिकी कनेक्शन भी है। रिपोर्टों में कहा गया है कि बगदादी ने बक्का में आयोजित एक अमेरिकी शिविर में चार साल बिताए थे। यह वह समय था जब वह एक चरमपंथी बना।
अल-कायदा नेता से आइएस तक सफर
साल 2010 में बगदादी ने सबसे पहले इराक में अल-कायदा के नेता के तौर पर और इस्लामिक स्टेट के नेता के तौर पर अपनी पहचान बनाई। इसके बाद वर्ष 2014 में इस्लामिक स्टेट का उभार विलायत अल-फुरात और उसके आसपास के इलाके में शुरू हुआ। विलायत अल-फ़ुरात ईराक और सीरिया की सीमा से घिरा हुआ इलाका है। यह इराकी शहर अल-कायम और सीरियाई शहर अल्बु कमाल के बीच में स्थित है। बगदादी इसे इस्लामिक स्टेट की तीसरी राजधानी कहता था।