पटना : बिहार बंद की आड़ में विपक्ष की राजनीति में बड़ा दिखने की होड़ ने सबको चौंका दिया। जहां तेजस्वी ने महागठबंधन के नेताओं को कोई घास नहीं डाली, वहीं रालोसपा के उपेंद्र कुशवाहा तेजस्वी के पहले ही समर्थकों के साथ डागबंगला चौराहा पर डट गए। लेकिन कुशवाहा ने यहां एक बड़ी गलती कर दी। उन्होंने अपने साथ भीड़ दिखाने के लिए छोटे—छोटे बच्चों का सहारा लिया। इसे लेकर उनकी खूब भद पिटी।
उपेन्द्र कुशवाहा की पार्टी रालोसपा ने बिहार बंद के दौरान पटना की सड़कों पर मासूम बच्चों को उतार दिया। मासूम स्कूली बच्चों के हाथ में उन्होंने झंड़ा थमाकर पटना की सड़कों पर प्रदर्शन करने के लिए भेज दिया।
ठंड और बंद के कारण जिन बच्चों को स्कूल ने घर में रहने के लिए छुट्टी दी, उन्हें उपेंद्र कुशवाहा की पार्टी ने सड़क पर उतार दिया। रालोसपा का झंड़ा लिए ये बच्चे ठंड में ठिठुरते दिखे। लोगों ने सवाल उठाना शुरू कर दिया कि शिक्षा की बात करने वाले उपेंद्र कुशवाहा की क्या यही सच्चाई है। राजनीति चमकाने के लिए मासूम बच्चों को ठंड में सड़क पर खड़ा करना कहां तक उचित है?