केंद्रीय ‘मंत्रीपद’ की मलाई पर कुशवाहा की नजर! जदयू में RCP को धकिया रहे…

0

पटना : जदयू में ललन सिंह के बाद इस समय नीतीश कुमार के सबसे करीबी नेता उपेंद्र कुशवाहा ने एक बयान दिया जिसमें उन्होंने कहा कि आरसीपी सिंह पार्टी के संदेश को समझें और अपना मंत्रीपद छोडें। पहले राज्यसभा टिकट का कटना, फिर आरसीपी के करीबियों को जदयू से बाहर का रास्ता दिखाना और अब पार्टी संसदीय दल के नेता कुशवाहा द्वारा आरसीपी को मोदी कैबिनेट से इस्तीफा देने की सलाह के बाद सियासी हलकों में यह चर्चा गरम है कि कुशवाहा आरसीपी सिंह को धकिया कर खुद केंद्रीय कैबिनेट में मंत्री पद की मलाई खाना चाह रहे।

जदयू में आरसीपी-ललन-उपेंद्र कुशवाहा के बीच शह-मात

जबसे जदयू में आरसीपी और ललन सिंह की अदावत खुलकर सामने आई तभी से पार्टी में शह—मात उभर कर व्यक्त होने लगा। प्रारंभ तो आरसीपी के केंद्रीय मंत्री बनते ही हो गया था, लेकिन इसका पीक आरसीपी का राज्यसभा टिकट कटने के बाद आया। अब उसी शह—मात वाली ​जदयू की अंदरुनी हलचल की अगली कड़ी में आरसीपी के करीबी नेताओं को पार्टी से बेदखल करने के बाद उपेंद्र कुशवाहा अपनी गोटी लाल करने में सक्रिय हो गए हैं।

swatva

मोदी कैबिनेट में मंत्री रहे कुशवाहा की शाह से भी ट्यूनिंग

दरअसल जदयू में आरसीपी पर सियासी एक्शन के बाद उपेंद्र कुशवाहा को केंद्र में मंत्री बनने के लिए स्टेज बिल्कुल सेट दिख रहा। राजनीतिक पंडितों के अनुसार वे पहले भी मोदी कैबिनेट का हिस्सा रह चुके हैं और उनकी भाजपा आलाकमान से अच्छी ट्यूनिंग भी रही है। ऐसे में केंद्रीय मंत्री पद की मलाई उन्हें काफी करीब दिख रही। अड़चन केवल एक ही है कि क्या ललन सिंह और नीतीश कुमार उनके नाम पर राजी होंगे। लेकिन उससे भी पहले आरसीपी सिंह का केंद्रीय कैबिनेट से इस्तीफा देना जरूरी है। यही कारण है कि कुशवाहा ने खुलकर मीडिया के सामने आरसीपी को जदयू का संदेश समझने की बात कह दी।

ललन के पास ट्रंप कार्ड, नीतीश को राजी करने की मुहिम

कुशवाहा की दूसरी अड़चन ललन सिंह से अपनी बात मनवाने की है क्योंकि ललन सिंह को केंद्र में मंत्री बनना क्यों अच्छा नहीं लगेगा। लेकिन यहां संभवत: कुशवाहा ललन को यह समझाने में सफल रहे हैं कि वे नीतीश के सामने आरसीपी को कमजोर करने में उनके साथ हैं। फिर एक पद, एक व्यक्ति वाला फॉर्मूला भी कुशवाहा के पक्ष में जाता है क्योंकि ललन सिंह allready जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं। ऐसे में ललन सिंह को अपने केंद्रीय मंत्रीपद के लिए राजी करना और नीतीश कुमार को मनाने में उनका सहयोग लेना उपेंद्र कुशवाहा के लिए ज्यादा मुश्किल नहीं होगा।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here