पटना : जदयू के वरिष्ठ नेता उपेंद्र कुशवाहा ने आज सोमवार को नीतीश कुमार से नाता तोड़ लिया। उपेंद्र कुशवाहा ने जदयू छोड़ने का ऐलान करने के साथ ही नई पार्टी राष्ट्रीय लोक जनता दल के गठन की घोषणा भी कर दी। श्री कुशवाहा ने आज पटना में मीडिया के सामने कहा कि अपने समर्थकों के साथ उन्होंने दो दिनों की बैठक के बाद नई पार्टी बनाने का फैसला किया। कुशवाहा ने इस दौरान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर अनदेखी का आरोप लगाते हुए कहा कि जदयू में जो लोग भी घुट रहे हैं, उनकी पार्टी ऐसे लोगों का स्वागत करेगी।
नीतीश की आलोचना, JDU नेताओं को आमंत्रण
कुशवाहा ने पटना में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि आज से नई राजनीतिक पारी की शुरुआत हो रही है। जेडीयू के तमाम साथी, बड़े नेता से लेकर साधारण कार्यकर्ता तक, हम सभी साथ बैठे और विमर्श किया। जिसमें तय हुआ कि पार्टी के वैसे साथियों को बुलाया जाए जो चिंतित हैं। दो दिनों के विमर्श के बाद निर्णय लिया गया है। कुशवाहा ने अपनी नई पार्टी का नाम राष्ट्रीय लोकतांत्रिक जनता दल रखा है।
लालू-नीतीश पर विरासत चुराने का आरोप
उन्होंने कहा कि दो साल पहले हम जेडीयू में आए। तब एक विशेष परिस्थिति राज्य में थी। नीतीश कुमार के ऊपर जिस विरासत को संभालने की जिम्मेवारी बिहार की जनता ने 2005 में मुकम्मल तौर पर दी, उसके पहले कर्पूरी ठाकुर के निधन के बाद जननायक की वह विरासत लालू यादव को दी थी। लालू यादव को समर्थन मिला। लेकिन बाद में उनमें भटकाव आ गया और उन्होंने उस जनसमर्थन का इस्तेमाल अपने परिवार के लिए करना शुरू कर दिया। जिसका खामियाजा वह आज तक भुगत रहे हैं।
जंगलराज की दिलाई याद
इसके बाद बिहार की जनता ने नीतीश कुमार पर भरोसा किया। लालू के बाद जो बिहार में अराजकता थी उसके लिए नीतीश कुमार के नेतृत्व में बिहार के लोगों ने नीतीश कुमार को ताकत दी। 2005 के बाद कर्पूरी ठाकुरी की वही विरासत नीतीश कुमार के पास आ गई, जिसे उन्होंने अच्छे से निभाया। नीतीश कुमार ने अच्छा काम किया। बिहार विकास की राह पर आया। लेकिन कहा जाता है कि अंत भला तो सब भला और अंत नहीं भला तो कुछ भी नहीं भला। नीतीश कुमार ने बहुत ही अच्छा काम किया, लेकिन अंत भला तो सब भला नहीं हुआ। यही कारण है कि आज मैं फिर उनसे अलग होकर जनता की अदालत में जाने के लिए आगे बढ़ा हूं।