नीतीश-तेजस्वी की करीबी और कैबिनेट में नो वैकेंसी से कुशवाहा नाराज

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पटना : जदयू संसदीय बोर्ड अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा नीतीश कुमार की तेजस्वी यादव से बढ़ती नजदीकी से बेहद निराश हो चले हैं। हद तो यह कि मकर संक्रांति के बाद होने वाले आगामी कैबिनेट विस्तार से भी उनका पत्ता बतौर डिप्टी सीएम कट गया है। यानी उन्हें कोई मंत्री पद मौजूदा सरकार में नहीं मिलने वाला। इसने उन्हें इस कदर निराश कर दिया कि अब वे अपने बाकी विकल्पों की राह पकड़ने पर गौर करने लगे हैं।

एनडीए में ठौर तलाशने की जुगत शुरू

हाल में उपेंद्र कुशवाहा को अगले कैबिनेट विस्तार में डिप्टी सीएम बनाने संबंधी खबरें खूब चलीं। लेकिन मुख्यमंत्री नीतीश ने इस पर यह कहकर पानी फेर दिया कि कैबिनेट विस्तार में कांग्रेस के लोगों को मंत्री बनाया जाएगा। साथ ही राजद कोटे के कार्तिक कुमार और सुधाकर सिंह के इस्तीफे से खाली हुए मंत्री पद को भरा जाएगा। जले पर नमक यह कि मुख्यमंत्री ने साफ कह दिया कि तेजस्वी के अलावा किसी को उपमुख्यमंत्री नहीं बनाया जा रहा।

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सीएम नीतीश से बेहद नाराज कुशवाहा

सीएम नीतीश की यह घोषणा उपेंद्र कुशवाहा के लिए किसी झटके से कम नहीं। इतना ही नहीं, नीतीश कुमार ने यह भी घोषणा कर रखा है कि 2025 के विधानसभा चुनाव में डिप्टी सीएम और राजद नेता तेजस्वी प्रसाद यादव महागठबंधन का नेतृत्व करेंगे। यानी यहां भी उपेंद्र कुशवाहा के लिए कोई वैकेंसी नहीं है। ऐसे में नीतीश कुमार की तेजस्वी यादव से बढ़ती करीबी ने कुशवाहा को नयी संभावनाएं तलाशने पर मजबूर कर दिया है। संभावना है कि जदयू संसदीय बोर्ड अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा फिर से एनडीए में एंट्री के लिए हाथ—पैर मारने लगें तो आश्चर्य नहीं।

रालोसपा का जदयू में विलय एक गलती

उपेंद्र कुशवाहा ने 2021 में अपनी रालोसपा का विलय जदयू में कर लिया था। जदयू में आकर वह लगातार बतौर नीतीश के उत्तराधिकारी उभरने की कोशिश करते रहे। ऐसे में इस भूमिका में तेजस्वी को खुला समर्थन मिलने और कैबिनेट के आगामी विस्तार से अपना पत्ता साफ होने से वे काफी असहज हो गए हैं।

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