कोटा में फसें बच्चों के लिए हेल्पलाइन नंबर जारी करे बिहार सरकार : पप्पू वर्मा

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पटना : देश में कोरोना का कहर बढ़ता ही जा रहा है। इस वायरस के कहर को कम करने के लिए देशव्यापी लॉकडाउन कानून लागू है। भारत की जनता जहां है वर्तंमान में वहीं रह रही है। इस बीच पटना विश्वविद्यालय के सिंडिकेट सदस्य पप्पू वर्मा ने कहा कि बिहार के कई हजार छात्र-छात्राएं जो कोटा में मेडिकल एवं इंजीनियरिंग की तैयारी कर रहें हैं । इस वैश्विक महामारी के कारण सभी वहां फंसे हुए हैं।

लॉकडाउन के कारण हॉस्टल में रह रहे हैं छात्र-छात्राओं को काफी कठनाई

Boys Hostel in Kota, बॉयस हॉस्टल, कोटापप्पू वर्मा ने कहा कि लॉकडाउन के कारण हॉस्टल में रह रहे हैं छात्र-छात्राओं को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। इसके अलावा हॉस्टल संचालक के मनमानियों के कारण भी वे लोग काफी भयभीत हैं। इस माहौल के कारण आगामी परीक्षा की तैयारी भी ठीक से नहीं कर पा रहे हैं। उनके परेशानियों पर गंभीरता पूर्वक विचार करते हुए बिहार सरकार को अविलंब उनकी सहायता हेतु एक हेल्पलाइन नंबर जारी कर बिहार के उच्चपदस्थ अधिकारियों का एक टीम बनाकर कोटा भेजा जाए ताकि उनके वहां रहने की व्यवस्था उनके खाने की व्यवस्था एवं अन्य सुविधाएं उन्हें मिल सके।

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कोटा एक शिक्षा का हब

Kota Railway Stationकोटा एक शिक्षा का हब बन चुका है,जहां बड़े पैमाने पर प्रतियोगी छात्र-छात्राएं बिहार के पढ़ रहे हैं। इनमें अधिकांश छात्र एवं छात्राएं प्लस टू के विद्यार्थी हैं जिनकी उम्र बहुत कम होती है। कम उम्र होने के कारण उन्हें परेशानियों का सामना अधिक करना पड़ रहा होगा। सभी विषयों पर मॉनिटरिंग उच्च स्तरीय टीम के माध्यम से किया जाए।

यहां तक कि एक स्पेशल टास्क फोर्स का गठन कर, फोर्स के माध्यम से फंसे हुए छात्र-छात्राओं की स्थानों का पहचान कर उन्हें सहायता पहुंचाया जा सकता है तथा हर प्रकार की सुविधा मुहैया कराया जा सकता है। वर्मा ने कहा कि ऐसा ही व्यवस्था बिहार सरकार को अन्य राज्यों में बिहार के बाहर रह रहे ऐसे तमाम छात्र एवं बिहार के मजदूरों के लिए भी करना चाहिए एवं एक सहायता केंद्र का भी स्थापना हो जिसके माध्यम से बाहर रह रहे लोगों को अधिक से अधिक सहायता एवं राहत उनके पास भेजा जा सके।

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