केके प्रल्हाथन को मिला प्रथम ललित नारायण मिश्र नयू इंडिया चेंज मेकर अवार्ड
पटना : पूर्व राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी ने आज समाज सेवा में अपनी भूमिका निभाने वाले ‘भूमि’ संस्था के स्थापक केके प्रल्हाथन को प्रथम ललित नारायण मिश्र नयू इंडिया चेंज मेकर अवार्ड दिया। समाज मे साकारात्मक परिवर्तन लाने व राष्ट्र के नवनिर्माण में महत्वपूर्ण योगदान देते हुए कमज़ोर वर्ग के बच्चों को उच्च शिक्षा उपलब्ध कराने की दिशा में उनकी संस्था बड़ा काम कर रही है। इस मौके पर पूर्व मंत्री नीतीश मिश्रा ने कहा कि ललित नारायण मिश्र न्यू इंडिया चेंज मेकर अवार्ड भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की न्यू इंडिया की अवधारणा से प्रेरित है। प्रतिवर्ष किसी भी क्षेत्र में नवाचार करनेवाले युवाओं को यह अवार्ड मिलेगा। अवार्ड में प्रशस्ति पत्र और 5 लाख रुपये का चेक शामिल है।
इस अवसर पर भारत के पूर्व राष्ट्पति प्रणव मुखर्जी ने ललित नारायण मिश्रा को एक विज़नरी नेता बताया। रेल मंत्री के तौर पर उनके द्वारा किए गए काम को उन्होंने याद किया। बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जागनाथ मिश्रा ने कहा कि ललित नारायण मिश्रा हमेशा गरीबों के लिए काम करते रहे। उनका जीवन बहुत ही संघर्षपूर्ण था। उन्होंने वर्त्तमान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तारीफ करते हुए कहा कि इनकी कार्यशैली और सोच से देश आगे जा रहा है।
उन्होंने कहा कि बिहार को आज सुशासन की सबसे ज्यादा जरूरत है। बिहार के पुराने गौरव को लौटना है तो इसे सुशासन और विकास के रास्ते पर ही चलना होगा। तभी बिहार का खोया हुआ पुराना गौरव हमें मिल सकेगा।
बीआईए के प्लेटिनम जुबिली में शामिल हुए प्रणब दा
आज पटना के बीआईए परिसर में बिहार इंडस्ट्रीज एसोसिएशन ने अपना प्लेटिनम जुबली “कंकलुडिंग फंक्शन” आयोजित किया। कार्यक्रम में मुख्य वक्ता के तौर पर भारत के पूर्व राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी ने कहा कि मैं यहां आकर बहुत खुश हूं। बिहार इंडस्ट्रीज एसोसिएशन की तारीफ करते हुए कहा कि इसकी स्थापना का उद्देश्य बिहार में इंडस्ट्री और इंडस्ट्रियल माहौल को बढ़ाना था। उन्होंने बिहार इंडस्ट्रीज एसोसिएशन की स्थापना पर चर्चा करते हुए कहा इसकी स्थापना उस समय हुई थी जब पूरी दुनिया मे मंदी का दौर चल रहा था। प्रणब मुखर्जी ने पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम की चर्चा करते हुए कहा कि उन्होंने कहा था कि देश को आगे बढ़ाने के लिए सभी स्टेट को आगे बढ़ना होगा। बिहार के पास अद्भुत क्षमता है। उन्होंने कहा कि डेमोक्रेसी तभी सफल होती है जब स्टेट होल्डर भी उसमे शामिल हो। 2016-17 तक बिहार में इंवेस्टिंग सरप्लस बहुत कम था। जहां तक इन्फ्रास्ट्रक्चर की बात है उसमें भी बिहार काफी पीछे है। बिहार में आबादी का घनत्व भी बहुत ज्यादा है। तेल और तेल उत्पादन पर भी उन्होंने प्रकाश डाला।
(मानस दुबे)