मधेपुरा/कटिहार : JNU ब्रांड कन्हैया कुमार बिहार में घूम—घूम कर राजनीति चमकाने के लिए एड़ी—चोटी का जोर लगा रहे हैं। ऐसा करने में कुछ भी आगा—पीछा नहीं देख रहे। जहां मौका मिल रहा वहीं शुरू हो जा रहे हैं। यहां तक कि अपने पॉलिटिकल कैरियर के लिए किसानों की खड़ी फसल की भी उन्हें कुछ परवाह नहीं। इसका प्रत्यक्ष नजारा मधेपुरा में देखने को मिला जहां उन्होंने खड़ी फसल लगे खेत में अपनी सभा कर डाली। किसान छाती पीटता रहा, लेकिन कन्हैया आराम से सभा करते रहे और फिर वहां से निकल गए।
मधेपुरा के सिंहेश्वर का मामला
मामला मधेपुरा के सिंहेश्वर स्थित झिटकिया गांव का है जहां जन गन मन यात्रा के दौरान जेएनयू छात्र संघ के पूर्व अध्यक्ष कन्हैया कुमार सभा करने पहुंचे थे। यहां भारी सुरक्षा के बीच झिटकिया गांव में एनएच 106 के किनारे किसानों के फसल लगे खेत में उन्होंने सभा की। जो कहना था उन्होंने कहा और फिर आराम से निकल लिये।
कन्हैया के साथ कांग्रेस विधायक शकील अहमद, जामिया के छात्र वली रहमानी भी थे और 40 से अधिक गाड़ियों का काफिला। आप सहज अंदाजा लगा सकते हैं कि उस किसान और उसके फसल लगे खेत का क्या हाल हुआ होगा। अपने भाषण के दौरान उन्होंने क्षेत्र के लोगों को 29 फ़रवरी को पटना में आयोजित एनआरसी, एनपीआर और सीएए के विरोध में आयोजित रैली में शामिल होने का आह्वान भी किया।
कटिहार में फेंका गया जूता—चप्पल
इसके बाद वे सुपौल आदि में सभा करते हुए कटिहार पहुंचे जहां उनके विरोध में लोगों ने उनके काफिले पर जूते-चप्पल फेंके। जूता—चप्पल उस वक्त फेंका गया जब वे कटिहार के राजेंद्र स्टेडियम में सभा करने के बाद भागलपुर जा रहे थे।
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