किसान प्रधानमंत्री के एजेंडे में सबसे ऊपर : डिप्टी सीएम

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पटना : दस गीदड़ मिलकर एक शेर का मुकाबला नहीं कर सकते। ये लड़ाई 55 महीने बनाम 55 साल की है। ये लड़ाई गरीब के बेटे और राजकुमार के बीच है। 2019 का चुनाव आनेवाला है। जात-पात से ऊपर उठकर वोट करना होगा। ये बातें उपमुख्यमंत्री सशील कुमार मोदी ने विद्यापति भवन में आयोजित किसान सम्मान समारोह में कही।
श्री मोदी ने कहा कि पहली बार देश का कोई प्रधानमंत्री ऐसी योजना लाया है जिसमें किसानों को 6 हज़ार रुपये दिए जाऐंगे। यानी एक साल में 75 हज़ार करोड़ रुपए खर्च होंगे। और ये 6 हज़ार रुपये अभी दिए जा रहे हैं, भविष्य में ये राशि बढ़ भी सकती है। उन्होंने कहा कि इसलिए ऋण माफी से किसानों का भला नहीं होनेवाला है। सुशील मोदी ने कहा कि गरीब को दो तरीके से मदद की जा सकती है। आप उसे मछली खिला दीजिये फिर अगले दिन क्या होगा, नहीं मालूम। लेकिन यदि उसे मछली पकड़ना सीखा दिया जाए तो उसके भोजन का इंतज़ाम हो जाएगा। बिहार में सिंचाई डीज़ल से होती है लेकिन दीनदयाल ग्राम योजना के तहत अब वे डीज़ल से नहीं, बल्कि बिजली से खेती करेंगे। डीज़ल से 2 हज़ार रुपये यदि खर्च होता है तो बिजली से मात्र 200 रुपये खर्च होंगे। और किसानों को 75 पैसे यूनिट बिजली मिलेगी। उपमुख्यमंत्री ने कहा कि घर के लिए और खेती के लिए अलग-अलग बिजली अब सरकार देने जा रही है। घर के लिए 24 घंटे और खेती के लिए 8 घंटे बिजली दी जाएगी। किसान क्रेडिट कार्ड से सस्ते दर पर किसानों को ऋण मिलता है, मात्र 4 प्रतिशत व्याज देना पड़ता है। अब उसी तरह मत्स्यपालन, पशुपालन पर भी कृषि ऋण किसानों को मिलेगा। उप मुख्यमंत्री ने कहा कि पहली बार हुआ है जब ठंड में भी बिहार में सूखा पड़ा है। बिहार सरकार को 13 लाख 40 हज़ार आवेदन मिले हैं और अभी तक हमलोगों ने 900 करोड़ रुपये दिए हैं।
वहीं बिहार के कृषिमंत्री प्रेम कुमार ने कहा कि प्रधानमंत्री का सपना है कि 2022 तक किसानों की आए दोगूनी हो। इसके लिए बजट में व्यापक योजनाएं बनाई गई हैं। उन्होंने कहा कि किसानों को साइल हेल्थ कार्ड दिया जा रहा है ताकि किसान भाई मिट्टी के आवश्यक तत्वों को समझें और उसके मुताबिक खेती कर सकें। बिहार में सूक्ष्म सिंचाई को बढ़ावा दिया जा रहा है। कम पानी में कैसे खेती की जाए उसके लिए 10 हज़ार किसानों को ट्रेनिंग दी जा रही है। प्रेम कुमार ने कहा कि ड्रिप इरीगेशन और डीज़ल पर सरकार अनुदान देती है। ड्रिप सिंचाई पर तो 90 प्रतिशत तक अनुदान सरकार देती है।
स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने कहा कि प्रधानमंत्री जब संसद में पहली बार प्रधानमंत्री बनकर गए तो संसद भवन में अपना शीश झुकाया औऱ अपने पहले भाषण में कहा कि हमारी सरकार गरीबों और किसानों के लिए समर्पित होगी। मंगल पांडेय ने कहा कि जब तक किसानों की तकदीर नहीं चमकेगी तव तक देश की तक़दीर भी नहीं चमकेगी। उन्होंने कहा कि आज विपक्ष प्रधानमंत्री द्वारा लायी योजना पर तरह—तरह की बातें कर रहा है। उन्होंने कहा कि जब नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री बने थे तब 118 हज़ार गांव में बिजली कनेक्शन नहीं था। लेकिन आज देश और बिहार के घर—घर मे बिजली पहुंची हुई है। अब किसान का बेटा—बेटी भी बिजली कि रोशनी मे पढ़ सकेगा। प्रधानमंत्री का वादा है कि 2022 तक सभी को मकान उलब्ध हो जाए। सरकार इस पर काम कर भी रही है। राज्य के छोटे-छोटे टोलों तक सड़को का निर्माण किया जा रहा है। सड़कों के बनने के बाद किसान अपने माल को अच्छे ढंग से मार्केट में पहुंचा सकेंगे।
मानस द्विवेदी

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