खुलासा : चीन ने लैब में ही बनाया Virus, ट्रंप के हमले के बाद बढ़ाया मौत का आंकड़ा

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नयी दिल्ली : अमेरिका के एक न्यूज चैनल ने खुलासा किया कि कोरोना वायरस चीन ने वुहान के एक लैब में बनाया। उसकी मंशा इसे हथियार के तौर पर इस्तेमाल कर अपनी साम्राज्यवादी लिप्सा को शांत करना था। साथ ही वह अमेरिका को सबक सिखाना चाहता था कि वह उससे किसी मामले में कम नहीं। लेकिन यह वायरस उसकी लैब से लीक हो गया और दुनिया में तबाही मच गई। इधर कोरोना से मौतों के आंकड़े छिपाने को लेकर अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप के ताजा हमलों और दुनियाभर से आलोचनाओं के बाद चीन ने वुहान में मौतों के आंकड़े में करीब 50 प्रतिशत की वृद्धि की है। चीन ने संशोधित आंकड़े में 1290 लोगों का नाम बढ़ाया है। वहीं ट्रंप ने फिर कहा कि वुहान की लैब से कोरोना वायरस दुर्घटनावश लोगों में फैला या जानबूझकर, इसका पता हम लगाकर ही रहेंगे।

वुहान में बदला मौतों का आंकड़ा, 50 प्रतिशत की वृद्धि

कोरोना के मुद्दे पर विश्व भर में घिर गए चीन ने अब कहा है कि वुहान शहर में मौतों का प्रतिशत 7.7 रहा जो पहले घोषित किए गए 5.8 प्रतिशत के आंकड़े से ज्‍यादा है। वुहान शहर से कोरोना वायरस की शुरुआत हुई थी और अब यह दुनिया के 195 से ज्‍यादा देशों में फैल गया है। माना जा रहा है कि वुहान शहर में इतने ज्‍यादा मरीज हो गए थे कि अस्‍पताल पूरे भर गए और कई मरीज वहां जा नहीं सके। इनकी अपने घर पर ही कोरोना वायरस से मौत हो गई। इन लोगों का नाम कोरोना वायरस से मारे गए लोगों की सूची में शामिल नहीं था।

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मौतों के आंकड़े को लेकर ट्रंप ने बोला था हमला

इससे पहले अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप ने कल गुरुवार को कहा था कि कई देश कोरोना वायरस से होने वाली मौतों की संख्या छिपा रहे हैं। ट्रंप ने कहा है कि क्या आपको लगता है कि दुनिया भर के कई देश अपने यहां होने वाली मौतों की जानकारी ईमानदारी से साझा कर रहे हैं। क्या कोई उन देशों के मौत के आंकड़ों का यकीन कर सकता है। ट्रंप ने साफ तौर पर चीन पर निशाना साधते हुए कहा कि वह इस मामले में ईमानदार नहीं है। चीन के वुहान से संक्रमण फैला और वहां मौतों की संख्या कम है। ट्रंप ने कहा, ‘क्या आपको लगता है कि चीन पर किसी को इस मामले में भरोसा करना चाहिए।’

चीन ने वुहान लैब में ‘खास उद्देश्य’ से बनाया वायरस

अमेरिकी चैनल फॉक्स न्यूज ने एक रिपोर्ट में दावा किया है कि चीन ने इस वायरस को वुहान की लैब में पैदा किया था। इसके पीछे उसका एक ‘विशेष उद्देश्य’ था। चीन यह बताना चाहता था कि उसके वैज्ञानिक किसी भी प्रकार से अमेरिका के वैज्ञानिकों से पीछे नहीं हैं। चीन ने कोरोना को बनाकर यह बताने की कोशिश की कि वह ऐसे खतरनाक वायरस बना सकता है और सिर्फ इतना ही नहीं ऐसे वायरस से अमेरिका के मुकाबले कहीं ज्यादा अच्छी तरह से निपट भी सकता है।
सूत्रों के हवाले से कहा गया है कि डॉक्टरों के प्रयासों और इस वायरस के शुरूआत में ही लैब में रोकने से संबंधित दस्तावेजों के अध्ययन से कई और बातें पता चलती हैं। इसमें से एक प्रमुख बात यह है कि वुहान के उस बाजार में चमगादड़ बिकते ही नहीं थे, जहां से कोरोना के फैलने की बात अब तक मानी जाती रही है।

चीन ने अफवाहों द्वारा चली शातिराना चाल, झूठ फैलाया

कोरोना वायरस के फैलने के बाद चीन ने एक और शातिराना चाल चली। उसने जानबूझकर पशु बाजार से वायरस फैलने की बात कही, ताकि लैब में वायरस बनाए जाने के आरोप दब जाएं। चीन यह भी चाहता था कि इसके जरिए वह अमेरिका और इटली को निशाना बनाए। इधर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भी कहा है कि वुहान की लैब से कोरोना वायरस दुर्घटनावश लोगों में फैला या जानबूझकर, इसका पता हम लगाकर ही रहेंगे। इसके अलावा अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पॉम्पियो पहले ही कह चुके हैं कि चीन को बताना होगा कि वायरस कैसे फैला?

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