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खू​नी भिड़ंत से फिर सुलग उठा कोयलांचल, आज सूर्यदेव सिंह होते तो…

धनबाद : राजनीतिक वर्चस्व को लेकर कोयलांचल एक बार फिर सुलगने लगा है। इस बार लड़ाई के केंद्र में सुरेश सिंह जैसी कोई थर्ड पार्टी नहीं, बल्कि खुद स्व. सूर्यदेव सिंह का पारिवारिक कुनबा ही खूनी अदावत में झुलस रहा है। ताजा मामले में बीती देर रात को झरिया थाना क्षेत्र के बंगाली कोठी में स्व. सूर्यदेव सिंह के सिंह मैंशन से जुड़े लोगों व उन्हीं के रिश्तेदारों से जुड़े रघुकुल निवासियों के गुट के बीच भिड़ंत हो गई। इस दौरान जमकर लाठी, डंडे व तलवार चले जिसमें दोनों पक्षों के दर्जनों लोग गंभीर रूप से जख्मी हो गए।

जानें, क्या है कोयलांचल में खूनी अदावत की कहानी

कोयलांचल के खूनी संघर्ष को समझने के लिए थोड़ा पीछे जाना होगा। जब तक सूर्यदेव सिंह जिंदा थे, उनकी और उनके परिवार की कोयला क्षेत्र धनबाद में तूती बोलती थी। उनकी मृत्यु के बाद कमान उन्हीं के छोटे भाई बच्चा सिंह, रामधीर सिंह, पत्नी कुंती सिंह और भतीजे संजीव सिंह आदि ने संभाली। इसी बीच इस परिवार को कांग्रेस पोषित एक और माफिया सुरेश सिंह से कड़ी टक्कर मिली। सुरेश सिंह ने पहले स्व. सूर्यदेव सिंह के बेटे की हत्या कर शव गायब करवा दिया। बाद में सिंह मेंशन गुट ने सुरेश सिंह की भी हत्या करवा दी। इस दौरान झरिया विधानसभा सीट पर सिंह मेंशन के लोग बच्चा सिंह, कुंती सिंह और रामधीर सिंह के बेटे संजीव सिंह के रूप में काबिज रहे।

सुरेश सिंह की हत्या के बाद नीरज सिंह को कांग्रेस ने किया आगे

इसके बाद आया 2010 का दौर जब स्व. सूर्यदेव सिंह के ही एक अन्य भाई जिनकी विरोधी सुरेश सिंह गुुट से भी रिश्तेदारी ​थी, उनके पुत्र नीरज सिंह ने मेयर का चुनाव जीत राजनीतिक और माफिया वर्चस्व में दावेदारी क्लेम की। सुरेश सिंह के चलते उन्हें कांग्रेस की बैकिंग मिल रही थी। नीरज सिंह के पिता रघुकुल निवास में रहते थे इसलिए उनका गुट रघुकुल गुट कहलाने लगा। ऐसे में सिंह मेंशन साफ तौर पर दो धड़ों में बंट गया और नीरज सिंह के तेजी से उभरने से टकराव होने लगा। इसी क्रम में 2016 में नीरज सिंह की चार समर्थकों के साथ धनबाद में एके—47 से गोलियां बरसाकर हत्या कर दी गई। आरोप रामधीर सिंह के विधायक बेटे संजीव सिंह पर लगा जो अभी भी इस केस में जेल में बंद हैं। पिछले चुनाव में कांग्रेस ने झरिया से सिंह मेंशन के खिलाफ नीरज सिंह की पत्नी को उतारा जो फिलहाल वहां की विधायक हैं।

पूर्व विधायक संजीव सिंह से मिल रही चुनौती से कांग्रेस परेशान

बहरहाल, झरिया में ताजा खूनी संघर्ष इसी रघुकुल गुट और सिंह मेंशन के टकराव की अगली कड़ी के तौर पर देखा जा रहा है। दोनों गुटों के बीच खूनी भिड़ंत की जानकारी मिलते ही झरिया थानेदार प्रमोद कुमार सिंह दलबल के साथ घटनास्थल पर पहुंचे। लोगों ने घायलों को झरिया के एक नर्सिंग होम में इलाज के लिए भर्ती कराया। इधर, रघुकुल समर्थकों ने घटना की जानकारी झरिया विधायक को दे दी। विधायक पूर्णिमा नीरज सिंह नर्सिंग होम पहुंचीं और कहा कि पुरानी रंजिश को लेकर मारपीट हुई है। घटना में सिंह मैंशन गुट के चंदन सिंह, मनोज गोप, गुडू गोप घायल हुए हैं। वहीं, रघुकुल गुट से संतोष कुमार, अजीत बावरी, सूरज कुमार, मनोरंजन बावरी, टार्ज़न भूइंया, स्वेता आजाद कुसर मुनि देवे सहित आधा दर्जन युवक घायल हुए। झरिया पुलिस सभी घायलों का इलाज नर्सिंग होम में करा रही है। वही स्थिति गंभीर देखते हुए मनोरंजन को धनबाद रेफर कर दिया गया। मनोज गोप का भी इलाज धनबाद पीएमसीएच चल रहा है।

झरिया में अमन-चैन छीनने की कोशिश : पूर्णिमा नीरज सिंह

एमएएल पूर्णिमा नीरज सिंह ने कहा है कि सत्ता गंवाने के‌ बाद विरोधी झरिया का अमन चैन छीनना चाह रहे हैं। पर हम किसी कीमत पर‌ ऐसा नहीं होने देंगे। मैंने मामले की जानकारी एसएसपी को फोन पर देकर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करने व झरिया में अमन चैनन कायम करने की मांग की है।

समर्थकों को टारगेट किया जा रहा है : रागिनी सिंह

वहीं बीजेपी लीडर और पूर्व विधायक की पत्नी रागिनी सिंह ने कहा है कि सही तरीके से जांच करने के बाद ही दोषियों को सजा दी जाए। जानबूझ कर हमारे कार्यकर्ताओं को धमकी दी जा रही है। रंगदारी मांगी जाती है। राजापुर एक्सीडेंट में मृतक परिवार वालों को मुआवजा दिलाया गया है। उसी दिन से हमारे समर्थकों को धमकाया जा रहा है।