केरल में आरएसएस के मजबूत स्तंभ पी परमेश्वरन नहीं रहे

0

पटना : पंडित दीनदयाल उपाध्याय, अटल बिहारी वाजपेयी और लालकृष्ण आडवाणी जैसे जनसंघ के कर्णधारों संग काम कर चुके और केरल में आरएसएस के मजबूत स्तंभ रहे पी परमेश्वरन का बीती रात निधन हो गया। 91 वर्ष के श्री परमेश्वरन को 2004 में पद्यश्री और 2018 में पद्य विभूषण सम्मान से नवाजा गया था।

पद्यश्री और पद्य विभूषण से सम्मानित

‘भारतीय विचार केंद्रम्’ के संस्थापक निदेशक पी परमेश्वरन पिछले कुछ दिनों से बीमार थे और केरल के पलक्कड़ जिले के ओट्टाप्पलम में उनका आयुर्वेदिक उपचार चल रहा था। वहीं उन्होंने बीती देर रात को 12.10 बजे अंतिम सांस ली। आज रविवार प्रातः उनकी पार्थिव देह को कोच्चि में आरएसएस मुख्यालय लाया जाएगा जहां अंतिम श्रद्धांजलि दी जाएगी। अंतिम संस्कार आज ही शाम को मुहम्मा गांव में किया जाएगा।

swatva

जनसंघ के शुरुआती दिनों से ही परमेश्वरन पंडित दीनदयाल उपाध्याय, अटल बिहारी वाजपेयी और लालकृष्ण आडवाणी जैसे दिग्गज नेताओं के सान्निध्य में आये और उनके साथ काम किया। आरएसएस और भाजपा के वरिष्ठ नेताओं ने उनके निधन पर गहरा शोक जताया।

कौन हैं परमेश्वरन और क्या है उनका योगदान

परमेश्वरन का जन्म 1927 में केरल के अलप्पुझा जिलांतर्गत मुहम्मा में हुआ। छात्र जीवन से ही वे आरएसएस से जुड़ गए। आपातकाल के दौरान उन्होंने बढ़—चढ़कर सत्याग्रह में भाग लिया और करीब 16 महीने जेल में रहे। केरल वासियों में राष्ट्रवाद को बढ़ावा देने के लिए 1982 में उन्होंने ‘भारतीय विचार केंद्रम्’ की स्थापना की।
परमेश्वरन एक बेहतरीन लेखक, कवि, अनुसंधानकर्ता व सम्मानित आरएसएस विचारक थे। उन्होंने भारतीय जन संघ के सचिव (1967-1971) व उपाध्यक्ष (1971-1977) के अतिरिक्त नयी दिल्ली स्थित दीनदयाल अनुसंधान संस्थान के निदेशक (1977-1982) के तौर पर भी सेवाएं दी।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here