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केजरीवाल व बसपा मोदी के साथ, बाकी बोल रहे पाक की भाषा, कैसे?

नयी दिल्ली : आज जैसे ही केंद्र की मोदी सरकार ने जम्मू-कश्मीर को स्वायत्तता देने वाले अनुच्छेद 370 को संविधान से ख़त्म किया देश की राजनीति दो धाराओं में बंट गई। जहां मायावती की बसपा और अरविंद केजरीवाल की आम आदमी पार्टी ने मोदी सरकार के इस कदम को सराहा, वहीं भारत की अन्य सभी पार्टियों ने एकस्वर से इसका विरोध किया। चौंकाने वाली बात यह है कि कांग्रेस, राजद, तृणमूल समेत भारत की तमाम पर्टियों का इस मुद्दे पर जो स्टैंड है, वह पाकिस्तान द्वारा इस निर्णय पर दी गई प्रतिक्रिया से मेल खाता है। आइए देखते हैं कि मोदी सरकार के इस ताजा फैसले के बारे में ​किसने क्या कहा।

पाकिस्तान ने बताया ख़तरनाक खेल

Image result for पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशीपाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह मोहम्मद क़ुरैशी ने अनुच्छेद 370 ख़त्म करने पर कहा कि भारत ने बहुत ख़तरनाक खेल खेला है। इसका असर पूर इलाक़े पर बहुत भयानक हो सकता है। इमरान ख़ान पूरे मसले को समाधान की तरफ़ ले जाना चाहते थे लेकिन भारत ने अपने फ़ैसले से मामले को और जटिल बना दिया है। कश्मीरियों को पहले से ज़्यादा क़ैद कर दिया गया है। हमने इस मामले में संयुक्त राष्ट्र को सूचित कर दिया था। हमने इस्लामिक देशों को भी सूचित कर दिया है। सभी मुसलमान मिलकर कश्मीरियों की सलामती की दुआ करें।

अरविंद केजरीवाल ने किया समर्थन

आम आदमी पार्टी के मुखिया और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने ट्वीट कर सरकार के फ़ैसले का समर्थन किया है। केजरीवाल ने ट्वीट कर कहा कि जम्मू-कश्मीर पर हम मोदी सरकार के फ़ैसले के साथ हैं। हमें उम्मीद है कि इससे राज्य में शांति और प्रगति की राह प्रशस्त होगी।

मोदी को मायावती की बीएसपी का साथ

बहुजन समाज पार्टी ने कश्मीर से अनुच्छेद 370 ख़त्म किए जाने के केंद्र सरकार के फैसले का पुरजोर समर्थन किया। बसपा महासचिव सतीश चंद्र मिश्रा ने कहा कि यह अनुच्छेद संविधान में बाद में जोड़ा गया। इसे किन परिस्थितियों में लाया गया, इससे क्या फायदा हुआ वह सबके सामने है। केंद्र ने जो कदम उठाया है वह सराहनीय है।

कांग्रेस, पीडीपी, अब्दुल्ला समेत तमाम विपक्ष हमलावर

मोदी सरकार द्वारा धारा 370 पर लिये गए फैसले से कांग्रेस, महबूबा, उमर अब्दुल्ला समेत तमाम विपक्ष बेहद नाराज है। राजद, तृणमूल, जदयू आदि सभी पार्टियां सरकार के इस कदम को भारत विरोधी करार दे रहे हैं। कांग्रेस के गुलाम नबी आजाद ने सरकार की मंशा पर सवाल उठाते हुए इसे एटम बम के फटने जैसा कारनामा करार दिया। जिस प्रकार पाकिस्तान भारत सरकार के इस फैसले को लेकर शोर मचा रहा है, भारत की तमाम विपक्षी पार्टियां भी कमोबेश उसी अंदाज में केंद्र सरकार को कोस रही हैं। कुछ पार्टियों ने तो केंद्र सरकार को खुल्लम—खुल्ला धमकी की जबान में भी चेतावनी दी। कमोबेश यही जबान पड़ोसी देश पाकिस्तान भी बोल रहा है।

पूर्व वित्त मंत्री अरुण जेटली क्या बोले

अनुच्छेद 370 ख़त्म किए जाने का पूर्व वित्त मंत्री अरुण जेटली ने स्वागत किया है। जेटली ने ट्वीट कर कहा कि जम्मू-कश्मीर का भारत में एकीकरण अक्टूबर 1947 में हुआ। अनुच्छेद 370, 1952 में प्रभाव में आया। अनुच्छेद 35 ए 1954 में लागू हुआ। मतलब क्रमशः चार और सात सालों का फ़र्क़ है। अनुच्छेद 370 और 35 ए भारत में विलय की शर्त कैसे थी?

सुषमा स्वराज ने किया स्वागत

भाजपा की वरिष्ठ नेता और पूर्व विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने इसे बहुत साहसिक और ऐतिहासिक निर्णय बताया। सुषमा ने ट्वीट करते हुए कहा कि ‘श्रेष्ठ भारत-एक भारत’ का अभिनन्दन।