कायस्थ समाज ने की राजनीतिक प्रतिनिधित्व बढ़ाने की मांग

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पटना: 2019 के लोकसभा चुनाव को देखते हुए विभिन्न जातियां और बिरादरियां गोलबंद होने लगी हैं। आज इसी कड़ी में अखिल भारतीय कायस्थ महासभा ने पटना में राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक की। विद्यापति भवन में एमएलसी रणवीर नंदन सहाय ने कहा कि किसी भी बिरादरी, संस्था या जाति का तब तक विकास नहीं हो सकता, जब तक सभी मिलकर उसका सहयोग न करें। कोई भी संगठन यह दावा नहीं कर सकता कि वह अकेले ही विकसित हो जायेगा या पूरे समाज को सुधार देगा। इसके लिए समाज की सभी इकाइयों को साथ लेना पड़ता है। रणवीर नंदन अखिल भारतीय कायस्थ महासभा के राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सम्मेलन में बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि हमारे समाज का इतिहास बहुत ही समृद्ध रहा है। प्रारंभ से ही हमारी बिरादरी ने एक से बढ़कर एक बुद्धिजीवियों को जन्म दिया है। प्रारंभ से ही हमारी बिरादरी के लोग देश और राष्ट्र के विकास में बढ़-चढ़कर भाग लिए हैं। एक समय था जब पूरे देश में सबसे ज्यादा आईएएस और आईपीएस हमारी बिरादरी से बनते थे। लेकिन दुर्भाग्यवश पिछले कुछ वर्षों से इसमें कमी देखी जा रही है। यहां आए लोगों को इस पर गहन चिंतन करना चाहिए। रणवीर नंदन ने कहा कि हमें खुद तो आगे बढ़ना है, लेकिन देश और समाज को भी बढ़ाना है। यदि कायस्थ समाज समृद्ध, स्वस्थ और बुद्धिजीवी बना रहेगा तो देश भी निरंतर समृद्धशाली होगा।
अखिल भारतीय कायस्थ महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष रविनंदन सहाय ने देशभर से आए हुए कायस्थों का स्वागत करते हुए कहा कि भारत सहित पूरे विश्व मे कायस्थ विरादरी के लोग शिक्षा, राजनीति, व्यापर और खेल के क्षेत्र में अपना परचम लहराय हुए हैं। सभी क्षेत्रों में अग्रणी भूमिका निभा रहे हैं। राजनीतिक, सामाजिक और सांस्कृतिक रूप से भी कायस्थ लोग सबसे आगे हैं। उन्होंने कहा कि कायस्थों की आबादी 10 करोड़ के आसपास है। लेकिन अफसोस कि बात है कि जितना सम्मान और प्रतिनिधित्व हमें मिलना चाहिए, वो नहीं मिल पा रहा है। हमारे समाज के लोंगो में योग्यता की कोई कमी नहीं है। सरकार के विभिन संवैधानिक पदों पर यदि हमें सेवा करने का मौका दिया जाय तो हम इसके लिए तैयार हैं। सरकार यदि हमसे सहयोग लेती है तो इससे सिर्फ हमारा ही नहीं, देश और समाज की भी सेवा होगी।
(मानस दुबे)

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