कवि कुमार विश्वास पटना में? फिर क्यूं मायूस हैं पीयू के छात्र ?
पटना : कवि कुमार विश्वास को लाइव कौन नहीं सुनना चाहेगा। यदि कुमार विश्वास आपके शहर में हों, वह भी पटना यूनिवर्सिटी में…तो फिर क्या कहना! हर कोई उन्हें देखने—सुनने की ललक रखता है। फिर यदि बात छात्रों की हो तो…’कोई दिवाना कहता है, कोई पागल समझता है’ सुनने की दिवानगी के एहसास को आसानी से महसूस किया जा सकता है। लेकिन पटना यूनिवर्सिटी के छात्रों की यह बेसब्र दिवानगी तब मायूस होती नजर आयी जब छात्र संघ के विवाद में कवि कुमार विश्वास का कार्यक्रम ही टलता नजर आया।
पटना में कुमार विश्वास से संबंधित क्या है मामला
दरअसल राष्ट्रकवि रामधारी सिंह दिनकर की 111वीं जयंती के मौके पर कवि कुमार विश्वास का कवि सम्मेलन पटना यूनिवर्सिटी में होना तय किया गया। सब ठीक—ठाक चल रहा था। लेकिन उस समारोह को लेकर जो आमंत्रण पत्र छापा गया था, उसे लेकर पेंच फंस गया। पटना यूनिवर्सिटी छात्र संघ के अध्यक्ष दिव्यांशु भारद्वाज और कोषाध्यक्ष नीतीश कुमार ने जो आमंत्रण पत्र छापा उसमें अपने पदों का जिक्र कर दिया। उधर, यूनिवर्सिटी प्रशासन का दावा है कि नए अकादमिक सत्र की शुरुआत होने के बाद पिछले छात्र संघ का अस्तित्व समाप्त हो चुका है। यूनिवर्सिटी प्रशासन का दावा है कि नए अकादमिक सत्र की शुरुआत होने के बाद अब छात्रसंघ का फिर से चुनाव होना है। अभी एक दिन पूर्व ही कुलपति प्रो. रासबिहारी सिंह ने नए सिरे से समय पर छात्रसंघ चुनाव कराने की बात कही है।
दूसरी तरफ छात्र कल्याण विभाग के मुखिया प्रोफेसर एनके झा ने भी कहा कि फिलहाल पटना यूनिवर्सिटी में कोई छात्रसंघ सक्रिय नहीं है। उनके अनुसार इन परिस्थितियों में यदि छात्रसंघ के नाम पर कोई कार्यक्रम कराने की कोशिश की जाएगी तो संबंधित लोगों पर कार्रवाई हो सकती है।
नतीजतन इस विवाद ने पटना यूनिवर्सिटी में कुमार विश्वास के कार्यक्रम पर संकट का बादल खड़ा कर दिया है। हालांकि पटना यूनिवर्सिटी सूत्रों ने बताया कि चूंकि राष्ट्रकवि दिनकर की याद में कार्यक्रम होना है, इसलिए इस पर कोई आंच नहीं आने दी जाएगी। अब देखना है कि पटना विश्वविद्यालय के ‘युवा दिवाने’ कुमार विश्वास के ‘दिवाने अंदाज’ का लुत्फ उठा पाते हैं या नहीं?